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वाह क्या बात है श्रद्धा भक्ति हो तो ऐसी! इतना भयंकर कुप्रचार और इन महिलाओं की श्रद्धा भक्ति आज भी बरकरार

-“चलें स्व की ओर” शिविर में देश भर से पहुंची हज़ारों बेटियां, हिन्दू संत को बदनाम करने वाले निंदकों के मुंह पर लगा करारा तमाचा

अमदावाद (गार्गी शर्मा): भारत के महान हिन्दू संत पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू जी के खिलाफ 21वी सदी का सब से भयंकर कुप्रचार किया गया। हज़ारों करोड़ खर्च करके पूज्य बापू जी की निंदा करके उन की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया।

षड्यंत्र के तहत उन्हें झूठे केस में फंसाया गया। लेकिन कुप्रचार वालो के मुँह पर एक के बाद एक करारा तमाचा लगता ही रहता है। लगे भी क्यों न क्यों कि बापू जी के साधकों की श्रद्घा हिमालय पर्वत की तरह अडिग जो है। कमाल की बात है अपने सद्गुरु के प्रति साधकों की गुरुभक्ति सच में अद्वितीय है।

शरद पूर्णिमा के अवसर पर संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल अहमदाबाद की बहनों द्वारा 18 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक 3 दिवसीय चलें स्व की ओर… शिविर का आयोजन किया गया था। हज़ारों साधक बहनों की भीड़ ने कुप्रचार वालो को चिंता में डाल दिया है। वह भी सिर पटक पटक के आंसू बहा रहे होंगे कि हम इतना जोर लगाते है साधकों की श्रद्धा को तोड़ दे और यह साधक तो पहले से ज्यादा पूज्य बापू जी के आश्रम में पहुंचने लगे गए है।

आपको बता दें कि इस महिला शिविर में साध्वी हर्षाली बहन व साध्वी ज्योत्स्ना बहन ने महिलाओं को मार्गदर्शन दिया। आश्रम के पवित्र वातावरण में शिविर में आई बहनों ने त्रिकाल संध्या,योगासन, प्राणायाम, जप-ध्यान, कीर्तन, सत्संग का खूब आनंद उठाया। तीनों दिन बहनों को स्वास्थ्यवर्धक अलग-अलग आसन, प्राणायाम करवाए गए। शिविर में दैनिक जीवन में उपयोगी नियम जैसे सूर्य अर्घ्य, तुलसी अर्घ्य, पूजन व परिक्रमा प्रेक्टिकल करवाये गए । शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाने वाला, हड्डियों तक के रोग भगाने वाला पंचगव्य व स्वास्थ्यवर्धक आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया गया।

शिविर का नजारा हृदय व आँखों को आनंद देने वाला रहा। बहनों ने अपने सद्गुरुदेव पूज्य बापू जी के उत्तम स्वास्थ्य हेतु जप व महासंकल्प भी किया। गृहस्थ नारियों के किये वरदानस्वरूप इस शिविर में गर्भस्थ शिशु को सुसंस्कारी करने हेतु दिव्य शिशु गर्भ संस्कार केंद्र की जानकारी दी गयी। युवतियों के जीवन के सर्वांगीण विकास हेतु तेजस्विनी भव अभियान की जानकारी दी गई।

महिला उत्थान मंडल के अन्य सेवाकार्यों पर प्रकाश डालते हुए विशेष प्रशिक्षण सत्र भी रखा गया। शिविर की पूर्णाहुति की बेला में पुरस्कार वितरण व प्रसाद वितरण हुआ । विशेष जानकारी देते हुए आहार-विहार पैम्फलेट, आत्मनिरीक्षण पत्रक दिया गया व पावन गौधूलि प्रसाद रूप में दी। शिविर का हर दिन एक नया रूप लेकर आता था।

यहाँ सहजोबाई की दृढ़ गुरुभक्ति पर आधारित एक नाटिका भी की गई। शरद पूर्णिमा निमित्त चंद्रमा की किरणों में रात्रि जागरण किया गया जिसमें जप, ध्यान के साथ साथ बापूजी सत्संग व लीला दर्शन का दिव्य समावेश रहा। जागरण के बाद चंद्रमा की किरणों में रखी गयी खीर प्रसाद रूप में शिविरार्थी बहनों को दी गई। तीनों दिन रात्रि शयन से पहले श्री योगवाशिष्ठ महारामायण व श्री आशारामायण जी का पाठ किया जाता रहा। बहनों ने शिविर की सराहना करते हुए जल्द ही ऐसे शिविर हो .. ऐसी मांग भी रखी।

wow-what-is-the-matter-if-you-have-faith-and-devotion-such-terrible-propaganda-and-the-devotion-of-these-women-remains-intact-even-today