गुरदासपुर: पंजाब सरकार ने सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार और दलालों के प्रभाव को खत्म करने की दिशा में एक और बड़ा फैसला लिया है। लोगों को बिना परेशानी के सरकारी सेवाएं मिल सकें और दलालों के माध्यम से होने वाली ‘लूट’ पूरी तरह बंद हो, इसके लिए अब राज्य भर के आरटीए (RTA – Regional Transport Authority) दफ्तरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों के जरिए सरकार की इन दफ्तरों पर पैनी नजर रहेगी।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कुछ समय पहले विजिलेंस (Vigilance Bureau) की छापेमारी के दौरान परिवहन विभाग से जुड़े कुछ एजेंटों और कर्मचारियों को कथित अनियमितताओं के आरोप में पकड़ा गया था। पहले भी अक्सर यह मामले सामने आते रहे थे कि अलग-अलग आरटीओ दफ्तरों में दलालों का बोलबाला है, और भले ही सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या वाहनों से जुड़े अन्य काम करवाने के लिए ऑनलाइन प्रणाली शुरू की हुई है, इसके बावजूद ज़्यादातर लोग दलालों के माध्यम से ही काम करवाते थे और उन्हें अतिरिक्त पैसे देने पड़ते थे।
इसी स्थिति को बदलने के लिए परिवहन विभाग के दफ्तरों में विजिलेंस द्वारा बड़ी कार्रवाई के बाद, अब राज्य सरकार के परिवहन विभाग के आदेशों के अनुसार पंजाब के सभी आरटीओ दफ्तरों को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में ला दिया गया है।
ये कैमरे मुख्य दरवाज़े, ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के लिए निर्धारित जगह और ट्रैक पर लगाए गए हैं। इन कैमरों की खास बात यह है कि ये ऑडियो-वीडियो विजुअल सिस्टम के साथ काम करेंगे, जिससे दफ्तर के अंदर की हर गतिविधि और बातचीत रिकॉर्ड होगी। इन कैमरों की सीधी निगरानी चंडीगढ़ स्थित परिवहन विभाग के हेड ऑफिस से की जाएगी।
गुरदासपुर जिले में इस संबंध में जानकारी देते हुए परिवहन विभाग के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार ने बताया कि आरटीओ रणप्रीत सिंह के पास गुरदासपुर सहित दो जिलों की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि गुरदासपुर के आरटीओ दफ्तर में तीन प्रमुख स्थानों पर कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब दफ्तर में अपने काम करवाने आने वाले लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और न ही किसी दलाल को यहां काम करने की अनुमति दी जाएगी। इस कदम से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ने और लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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The looting happening in government offices of Punjab through middlemen