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धान की सीधी बिजाई की तकनीक अपनाने वाले किसानों के लिए पंजाब सरकार ने किया बड़ा ऐलान

चंडीगढ़: धान की सीधी बिजाई की तकनीक के जरिये भूजल जैसे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण के उद्देश्य से अहम कदम उठाते हुए पंजाब मंत्रिमंडल ने आज धान की बिजाई करने वाले किसानों को प्रोत्साहन के तौर पर प्रति एकड़ 1500 रुपए देने को मंजूरी दे दी।

पानी के कम इस्तेमाल और कम खर्च वाली इस तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों के लिए 450 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। इस कदम से कद्दू करने की विधि के जरिये धान की फ़सल लगाने के मुकाबले फ़सलीय चक्र के दौरान सीधी बिजाई की तकनीक से बीजे गए धान में 15 से 20 प्रतिशत पानी की बचत होती है।

ज्ञातव्य है कि राज्य में धान लगाने के पारंपरिक ढंग से भूजल में चिंताजनक गिरावट को रोकने के लिए तुरंत प्रयासों की ज़रूरत है। इस समय भूमिगत पानी की 86 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से आ रही गिरावट के कारण आने वाले 15-20 वर्षों में राज्य के पास भूजल नहीं रहेगा।

इस आशय का फैसला मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। यह निर्णय बड़ी संख्या में किसानों को धान की सीधी बिजाई की विधि अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। यह विधि ज़मीन में पानी के रिसाव में सुधार करने के साथ-साथ कृषि मज़दूरों पर निर्भरता घटाती है और मिट्टी की सेहत में सुधार भी करती है। इससे धान और गेहूँ की उपज में भी 5-10 प्रतिशत वृद्धि होगी।

बैठक में प्रति एकड़ 1500 रुपए की वित्तीय सहायता सीधी किसानों के खातों में डाली जाएगी, जिसके लिए मंडी बोर्ड के पास अनाज खरीद पोर्टल पर पहले ही डेटा मौजूद है, जिसके साथ उनके आधार कार्ड के नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक खातों के विवरण भी जुड़े हुए हैं।

धान की सीधी बिजाई करने वाले किसान अपनी सहमति पोर्टल पर रजिस्टर करेंगे और पोर्टल मंडी बोर्ड के सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की टीम द्वारा विकसित किया जाएगा। अनाज पोर्टल पर मौजूद विवरणों को इन सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा। धान की सीधी बिजाई की तकनीक अपनाने वाले किसानों के खेतों की ज़मीनी स्तर पर तस्दीक सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा की जाएगी।

आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष किसानों ने 15 लाख एकड़ क्षेत्रफल सीधी बिजाई के अधीन लाया था और मौजूदा यंत्रों की मौजूदगी से इस विधि के द्वारा 30 लाख एकड़ क्षेत्रफल में धान की सीधी बिजाई की जा सकती है।

Punjab government made a big announcement for the farmers adopting the technique of direct sowing of paddy