वाशिंगटनः नासा ने भारत के एंटी-सेटेलाइट मिसाइल (ए-सट) परीक्षण की आलोचना की है और कहा है कि इसने इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन (आईएसएस) में खतरे को बढ़ा दिया है और इससे अन्य देशों में इसी तरह के परीक्षण करने की प्रतिस्पर्धा उत्पन्न हो सकती है।नासा के प्रमुख जिम ब्राइडेन्सटाइन ने कहा कि ए-सैट मिसाइल ने तीन मिनट में लॉ अर्थ आर्बिट (एलईओ) में एक काम कर रहे सेटेलाइट पर सफलतापूर्वक निशाना लगाया, जिससे अंतरिक्ष में कचरे के 400 टुकड़े फैल गए और इसने आईएसएस में खतरे को बढ़ा दिया।
उन्होंने कहा, इस तरह की गतिविधि भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अनुकूल साबित नहीं होगी। यह हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है कि हम लोगों को कक्षीय कचरा क्षेत्र का निर्माण करने दें, जो हमारे लोगों के लिए खतरा बन सकता है। उसके अगले दिन ब्राइडेन्सटाइन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के वाणिज्यिक न्याय और विज्ञान उपसमिति को कहा था कि जानबूझकर उपग्रह को नष्ट करना और अंतरिक्ष में कचरा उत्पन्न करना गलत है।
भारत ने दी सफाई
जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में स्पष्ट किया था कि परीक्षण निचले वायुमंडल में किया गया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी अंतरिक्ष कचरा उत्पन्न ना हो और जो भी कचरा उत्पन्न हो, वह कुछ सप्ताह में धरती पर गिरकर नष्ट हो जाए। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मार्च को घोषणा कर कहा था कि भारत ने ए-सैट की क्षमता के साथ ऐतिहासिक सफलता हासिल कर ली है और अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है।