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लॉ पावर एसोसिएशन ने 3 बंधुआ श्रमिकों को उनके तीन ट्रैक्टर ट्राली सहित मालिक के चंगुल से छुड़ाया

रोहतक: सामान्यतः भारत में बंधुआ मज़दूरी गैर-कानूनी है और पूर्णतया प्रतिबंधित है परंतु हमें अक्सर इस प्रकार की घटनाएँ देखने को मिलती रहती है। वर्तमान में बंधुआ मज़दूरी का एक नया प्रारूप देखने को मिल रहा है। सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इस नए प्रारूप को ‘आधुनिक दासता’ (Modern Slavery) की संज्ञा दी है। वैश्विक दासता सूचकांक (Global Slavery Index), 2018 के अनुसार, भारत में 18 मिलयन लोग आधुनिक दासता में जकड़े हुए हैं। ऐसा व्यक्ति जो लिये हुए ऋण को चुकाने के बदले ऋणदाता के लिये श्रम करता है या सेवाएँ देता है, बंधुआ मज़दूर (Bonded Labour) कहलाता है। इसे ‘अनुबंध श्रमिक’ या ‘बंधक मजदूर’ भी कहते हैं। सामान्यतः ऋण के भुगतान के साधन के रूप में बंधुआ मजदूर की मांग की जाती है। सूक्ष्मता से इसका विश्लेषण करने पर यह प्रतीत होता है कि वास्तव में इस अमानवीय प्रथा को अवैतनिक श्रम का लाभ उठाने के लिये एक चाल के रूप में शोषणकारी जमींदारों और साहूकारों द्वारा इसका प्रयोग किया गया है।

बंधुआ मजदूरी पर कार्यरत अग्रणी संस्था लॉ पावर एसोसिएशन के संस्थापक ऐडवोकेट योगेश प्रशाद ने जानकारी दी कि उनकी संस्था को बठिंडा से उनके साथी सुखपाल द्वारा शिकायत भेजी गई थी कि रोहतक के गांव फरमाना में दयानंद नामक ईंट भट्ठे पर मानसा के 6 लोगों को बंधक बनाया हुआ है। जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए उनकी संस्था द्वारा रोहतक के जिला अधिकारी को उक्त बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराने हेतु ईमेल से पत्र भेजा गया। जिस पर संज्ञान लेते हुए आज दिनांक 28 फरवरी 2023 को जिला अधिकारी रोहतक के दिशा निर्देशों पर एस डी एम मेहन श्री दलबीर सिंह ने टीम तैयार कर उक्त ईंट भट्ठे से 3 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया और मालिक द्वारा मजदूरों के सामान के रूप में उनके तीन ट्रैक्टर ट्राली सहित भी मुक्त करा कर उनको रवाना किया गया।

इस अवसर पर लॉ पावर एसोसिएशन के सह संस्थापक व बाल अधिकार कार्यकर्ता श्री दिनेश कुमार ने कहा कि हजारों की संख्या में छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यो से मजदूर देश के अलग अलग राज्यों में बंधुआ मजदूरों की भांति काम कर रहे है। इसे रोकने के लिए लॉ पावर एसोसिएशन की सरकारों से मांग है कि सरकार द्वारा समय-समय पर सर्वेक्षण करके बंधुआ मजदूरों का एक डेटाबेस बनाने के लिये ठोस प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अंतर-राज्य समन्वय तंत्र की आवश्यकता है ताकि प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के समाधान हेतु कार्यस्थल में सुधार कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जा सके।

एडवोकेट योगेश प्रशाद ने बताया कि पूरे देश में लॉ पावर एसोसिएशन की टीमें सजगता से बंधुआ मजदूरी रोकने हेतु काम कर रही है, देश में अगर सरकार बंधुआ श्रमिकों के लिए कोई ठोस योजना बना कर काम करने को तैयार है तो लॉ पावर एसोसिएशन इस कार्य में सरकार को हर संभव सहयोग देगा।

इस कार्य के लिए लॉ पावर एसोसिएशन के दिनेश कुमार व ऐडवोकेट योगेश प्रशाद ने बठिंडा के अपने साथी श्री सुखपाल का आभार व्यक्त किया, और कहा कि देश के अन्य नागरिकों को भी सुखपाल की तरह बेहतर समाज के निर्माण के लिए हर समय चौकस रहना चाहिए और कही भी कुछ गलत देखें या सुने तो उसकी जानकारी हमारी संस्था को दें। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर शिकायत पर तुरंत बनती कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अपने साथी कमर महमूद का तुरंत शिकायत बनाकर ईमेल के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजने व लगातार फॉलो अप कर बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाने हेतु आभार प्रकट किया।

Law Power Association freed 3 bonded laborers along with their three tractor trolleys from the clutches of the owner