जालंधर( अमन बग्गा) जालंधर और मोहाली में पंजाब रोडवेज के कांट्रैक्ट कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। पीआरटीसी, पनबस और पंजाब रोडवेज तीनों यूनियनों के कांट्रैक्ट कर्मचारी आउटसोर्स भर्ती के खिलाफ और कांट्रैक्ट कर्मियों को पक्का करने की मांग को लेकर चंडीगढ़-खरड़ हाईवे और जालंधर में नेशनल हाइवे पर धरना दे रहे हैं। वाहनों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं। सैकड़ों वाहन जाम में फंसे हुए हैं।
यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया है। भीषण गर्मी में घंटों सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारे लगी हुई हैं। जालंधर दिल्ली-अमृतसर हाईवे पर पीएपी के दोनों तरफ लगभग तीन किमी तक जाम लग गया है। स्कूल से छुट्टी के बाद विद्यार्थी घर जाने का इंतजार में काफी समय से जाम में फंसे दिखाई दिए। शर्मनाक बात यह है कि आखिर निर्दोष जनता , स्कूली बच्चों बजुर्गो महिलाओं और मरीजों का क्या कसूर है। धरना लगा रहे कर्मचारियों बताए कि आप को पक्का नही किया गया तो उस के पीछे जनता की क्या गलती है। धरना लगाने से लाखों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी धरना दे रहे कर्मचारियों को वहां से हटने के लिए मना रहे हैं। ठेका कर्मियों के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है।
धरने के कारण फगवाड़ा-होशियारपुर हाईवे एवं जालंधर कैंट ,रामा मंडी चौक के चारों तरफ सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया है। जालंधर चंडीगढ़ रोड भी बंद किया गया है। डिफेंस कॉलोनी की तरफ से कैंट की तरफ जाते रोड पर भी वाहन फंस गए हैं। पठानकोट व अमृतसर की तरफ से जालंधर की तरफ आ रहे ट्रैफिक भी सूर्या एंक्लेव के नजदीक हाईवे पर रोका गया है।
शर्मनाक बात तो यह है कि पंजाब रोडवेज के ठेका मुलाजिमों ने बिना कोई सूचना के सड़के जाम कर दी है जिसका खामियाजा शहर वासियों को भुगतना पड़ रहा है। हजारों लोग ट्रैफिक की चपेट में आकर परेशान हो रहे हैं।
कर्मचारियों की मुख्य मांग उन्हें रेगुलर करने की है। उनका कहना है कि उन्होंने 10 से 15 साल विभाग में नौकरी करते हुए हो गए हैं, लेकिन उन्हें रेगुलर करने की तरफ सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। हर बार सरकार के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग पर मीटिंग होती है, आश्वासन मिलता है, लेकिन फिर से मसले को ठंडे बस्ते में ड़ाल दिया जाता है। प्रदेश की आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले चुनाव के दौरान उनसे कई वादे किए थे, लेकिन उनमें से पूरा अभी एक भी नहीं हुआ है।
Public anger erupted against roadways workers in Jalandhar