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बठिंडा में पत्नी की मौत से आहत पति ने उठाया खौफनाक कदम, तीन मासूम बच्चों की हत्या कर की खुदकुशी


बठिंडाः बठिंडा जिलेे के भगता भाईका ब्लॉक अंतर्गत हमीरगढ़ गांव में बुधवार रात एक व्यक्ति ने अपने तीन बच्चों की हत्या करने के बाद खुद भी फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त बेअंत सिंह (35) और उसके पुत्र प्रभजोत सिंह(5), पुत्री खुशप्रीत कौर(3) और करीब सवा साल कर सुखप्रीत कौर के रूप में की गई है। बेअंत सिंह मजदूरी करता था। उसकी पत्नी लवप्रीत कौर की करीब एक माह पहले कैंसर के कारण मौत हो गई थी। पत्नी के उपचार पर बेअंत ने अपनी जमा पूंजी लगा दी लेकिन वह उसे बचा नहीं पाया। इसके बाद उसे घर में छोटे बच्चों की चिंता सताने लगी। वही लाॅकडाउन के चलते काम नहीं मिलने से वह पूरी तरह से टूट गया और मानसिक तौर पर परेशान था। बेअंत ने बच्चों की बेरहमी से हत्या की। सवा साल की बेटी को उसने गले में फंदा डाल कर खड़ी चारपाई से तथा दो अन्य बच्चों को छत के साथ फंदा लगा कर लटका दिया। इसके बाद उसने खुद भी फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली।

 

 

बताया जाता है कि पत्नी की मौत के बाद बेअंत बच्चों की परवरिश करने में खुद को असमर्थ पा रहा था। खेतों में मजदूरी ही उसकी आजीविका का साधन था। ऐसे में वह आर्थिक और मानसिक रूप से काफी परेशान रहता था। घटनास्थल से एक सुसाईड नोट भी मिला है जिसमें बेअंत ने लिखा है “पत्नी की मौत के बाद वह मानसिक रूप से बेहद परेशान है। पत्नी उसे छोड़कर परमात्मा के चरणों में चली गई है और अब वह भी उसके पास अपने बच्चों समेत जा रहा है। मेरे मरने के बाद मेरे मकान की जगह को बेचकर गांव के गुरुद्वारा को दे दी जाए और घर में पड़ा अनाज पक्षियों को खिला दिया जाए। उसने कहा कि वह पहले भी दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चुका है लेकिन नहीं कर पाया।

 

 

घटना का पता वीरवार सुबह चला और गांववासियों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस उपाधीक्षक जसवीर सिंह समेत पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस का कहना है कि मौत के कारणों का पता लगाने के लिये उसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट में इस आशंका को दूर करने में मदद मिलेगी कि बेअंत से बच्चों को फंदे पर लटकाने से पहले बेहोश किया या गला घोंटकर हत्या की। आरंभिक जांच में बच्चों को जहर देने की बात सामने नहीं आई है। पुलिस हर कोण से इस मामले की जांच कर रही है। उक्त घटना के बारे में गांव के सरपंच गुरमेल सिंह ने कहा कि बेअंत की पत्नी की मौत करीब डेढ़ माह पहले हो गई थी जिसके चलते वह मानसिक तौर पर भी परेशान चल रहा था और वह रिक्शा चलाकर और मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार को पाल रहा था तथा गांव में भी उसका किसी के साथ कोई झगड़ा नहीं था।