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पंजाब-हरियाणा जल विवाद में हिमाचल की एंट्री, CM सुक्खू ने दिया बड़ा बयान; बोले- पानी हमारा, हमें 12% रॉयल्टी दो

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के बीच दशकों पुराना पानी का विवाद अब और गरमा गया है। इस लंबे समय से चले आ रहे टकराव में अब हिमाचल प्रदेश की भी सीधी एंट्री हो गई है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पानी के मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इस पर पहला हक उनके राज्य का है, लेकिन पंजाब और हरियाणा इसे लेकर लड़ रहे हैं।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, पानी तो हिमाचल का है, लेकिन लड़ पंजाब और हरियाणा रहे हैं। हम सिर्फ अपनी बिजली रॉयल्टी के बारे में बात कर रहे हैं, जिसमें BBMB (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) ने अभी तक वृद्धि नहीं की है। उन्होंने भाखड़ा डैम के निर्माण के कारण हिमाचल को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए कहा, जब यह डैम बनाया गया था, तो हिमाचल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। कई गांव डूब गए, सैकड़ों परिवार बेघर हो गए, लेकिन आज तक हमें न्याय नहीं मिला।

सुक्खू ने कहा कि पंजाब और हरियाणा दोनों ही हिमाचल के भाई हैं और उन्हें आपसी बातचीत से अपना विवाद सुलझाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब हम पानी से आमदनी कमाने की सोचते हैं तो दोनों ही राज्य इसका विरोध करते हैं, जो कि उचित नहीं है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, हम पानी पर कोई हक नहीं मांग रहे हैं, लेकिन जब हम BBMB की बैठक में आते हैं तो हिमाचल के हक को सुरक्षित करने के लिए हमारा सहयोग करना चाहिए। हरियाणा-पंजाब को आपस में मिलकर हल ढूंढना चाहिए और हमें (हिमाचल को) हमारी पॉलिसी के हिसाब से बिजली में 12 फीसदी रॉयल्टी मिलनी चाहिए।

बता दें कि पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे का विवाद काफी पुराना है। हरियाणा सरकार ने आज दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी।

हिमाचल प्रदेश का दावा है कि भाखड़ा डैम और अन्य परियोजनाओं के कारण उसके नागरिकों को सबसे अधिक विस्थापन और नुकसान झेलना पड़ा है। हिमाचल से निकलने वाला पानी ही पंजाब और हरियाणा में बहता है। हिमाचल यह भी कहता रहा है कि BBMB उसे बिजली रॉयल्टी का सही और उचित भुगतान करने में विफल रहा है और जब भी हिमाचल अपने हक की बात उठाता है, पंजाब और हरियाणा इस पर खामोशी अख्तियार कर लेते हैं। हिमाचल के मुख्यमंत्री के इस बयान से पानी के बंटवारे का यह विवाद अब और जटिल हो गया है।

Himachal’s entry in Punjab-Haryana water dispute