नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव के असर अब वहां रह रहे छात्रों पर भी हो रहा है। कनाडा में रह रहे भारतीय छात्रों का वहां रहना एक बुरे सपने में परिवर्तित हो रहा है। अपने घर-परिवार को छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर रह रहे छात्र अब नौकरियां नहीं मिलने की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। गौर हो कि कनाडा में नौकरियों के लिए मारा-मारी शुरू हो चुकी है।
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में कुल 2.26 लाख भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए कनाडा पहुंचे। वहीं, ग्लोबल एजुकेशन सर्च प्लेटफॉर्म Erudera के मुताबिक, कनाडा में उच्च शिक्षा सहित सभी शिक्षा स्तरों पर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की कुल संख्या 8 लाख से भी ज्यादा है। बीते साल, इनमें से करीब साढ़े पांच लाख लोगों को कनाडा में स्टडी परमिट मिला है। आंकड़ों की मानें तो साल 2022 में करीब 2.26 लाख भारतीय छात्रों को स्टडी परमिट मिला है।
नौकरियों की मारा-मारी के बीच भारतीय छात्र महंगाई की दोहरी मार को भी झेल रहे हैं। टोरंटो और कनाडा के दूसरे शहरों में रहने के लिए घरों का किराया भी भारतीय छात्रों को प्रभावित कर रहा है, जिसके चलते ज्यादातर भारतीय नागरिक तंग कमरों में रहने के लिए मजबूर हैं। आपको बता दें कि बड़ी संख्या में छात्र मोटल या बेसमैंट में रह रहे हैं। ICEF Monitor के मुताबिक, कनाडा में रहने वाले हर 10 विदेशियों में 4 लोग भारतीय हैं।
कनाडा में रह रहे भारतीय छात्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव का सीधा असर उन पर पड़ रहा है। भारतीय छात्रों का कहना है कि वह कनाडा में अपनी एजुकेशन को पूरा करने की उम्मीद में आए थे। उनका कहना है कि हमें उम्मीद थी कि यहां पढ़ने के बाद हम अच्छी नौकरियां पाने का सपना देख रहे हैं लेकिन उन्हें घर ढूंढने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
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Bad news for Indians in Canada, jobs are not available amid inflation