नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नकली दवाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई के बावजूद यह अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। ड्रग कंट्रोल विभाग ने शनिवार को दिल्ली के सबसे बड़े दवा बाजार चांदनी चौक स्थित भागीरथ पैलेस में एक बड़ी छापेमारी के दौरान 5 लाख से अधिक नकली दवाएं जब्त की हैं। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पिछले महीने भी इसी स्थान से ढाई लाख रुपये की नकली दवाएं पकड़ी गई थीं, जो यह दर्शाता है कि यह गोरखधंधा बेरोकटोक जारी है और कार्रवाई का इन डीलरों पर कोई खास खौफ नहीं है।
जांच में पता चला है कि इस नकली दवाओं के कारोबार की जड़ें देश के कई राज्यों तक फैली हुई हैं। पुडुचेरी से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा जैसे राज्यों में इन नकली दवाओं का निर्माण और पैकेजिंग की जाती है। इसके बाद इन्हें बिक्री के लिए दिल्ली के दवा बाजार में भेजा जाता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 और 2025 के बीच दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 17 करोड़ रुपये से अधिक की नकली दवाएं जब्त की गईं और इन मामलों में 35 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया।
दिल्ली में एम्स और अन्य बड़े अस्पतालों की मौजूदगी के कारण, यहां गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, किडनी, लिवर और हृदय रोगों के लिए महंगी दवाओं की भारी मांग रहती है। नकली दवा बेचने वाले इसी का फायदा उठाते हुए इन महंगी और जीवन रक्षक दवाओं की हूबहू नकल तैयार कर बाजार में बेच रहे हैं। कमजोर निगरानी प्रणाली, भ्रष्टाचार और इस अवैध धंधे में मिलने वाले भारी मुनाफे के कारण, नकली दवाओं का यह व्यापार अब एक संगठित अपराध का रूप ले चुका है।
इससे पहले, साल 2024 में क्राइम ब्रांच दिल्ली ने भी नकली दवाएं बनाने और बेचने वाले एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया था और तब एक करोड़ रुपये की नकली दवाएं, मशीनरी और पैकेजिंग सामग्री जब्त की थी। उस दौरान पकड़ी गई दवाओं में शुगर, हाइपरटेंशन, किडनी, हृदय और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज वाली दवाएं शामिल थीं, जिन्हें नामी कंपनियों के ब्रांड नामों के तहत पैक करके दिल्ली के थोक दवा बाजार के माध्यम से खुले बाजार में बेचा जा रहा था। नकली दवाओं का यह बढ़ता कारोबार जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है।
View this post on Instagram
A huge stock of fake medicines recovered from the biggest drug market