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HMV में मनाया गया स्वामी श्रद्धानन्द जी का बलिदान दिवस

जालंधर (अमन बग्गा): हंसराज महिला महाविद्यालय में स्वामी श्रद्धानन्द जी के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी ने स्वामी जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए तथा कहा कि हमें ऐसे महान् राष्ट्रभक्तों, देश और धर्म पर बलिदानी, साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रतीक व्यक्तित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए और इसे ‘प्रेरणा दिवस’ के रूप में मनाना चाहिए। महर्षि दयानन्द जी के अनन्य शिष्य तथा भारतीय शिक्षा पद्धति को नया रूप देने वाले स्वामी जी हमारे लिए सदा ही वन्दनीय हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अमर शहीद बलिदानी सत्पुरुष के आगे नमन् करती हूं।

प्राचार्या जी ने कहा कि अगर हम स्वामी जी के चित्र पर कुछ देर देखें तो उनका वह तेजोमय रूप देखकर मन शान्ति से भर उठता है। अत: हम सबको स्वामी जी तथा सभी आर्य समाज के नेताओं से प्रेरणा लेनी होगी तभी हम स्वयं आर्यजन कहलाने योग्य होंगे। इस अवसर पर डीन एकेडैमिक्स डॉ. कंवलदीप ने सुझाव दिया कि हमें ऐसे प्रेरणाप्रद व्यक्तित्वों के जीवन से संबंधित महान् गाथाओं को हर महीने में एक दिन अपने सभी अध्यापकों के साथ परस्पर सांझा करना चाहिए ताकि हम अपने महानुभावों की जीवन गााथाओं से प्रेरणा ले सकें, जिसे प्राचार्या जी ने सहर्ष स्वीकृति देकर इसे तत्क्षण लागू करने को कहा।

इस अवसर पर डीन एकेडैमिक्स डॉ. कंवलदीप, सभी संकाय अध्यक्षों और टीचिंग एवं नान-टीचिंग के सभी सदस्यों ने स्वामी जी को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने कहा कि स्वामी जी का व्यक्तित्व हमारे लिए सदा ही अनुकरणीय है। भारतीय शिक्षा पद्धति का प्रथम विश्वविद्यालय खोलने वाले ऐसे युग पुरुष को कोटिश: नमन् तथा उन्होंने एक छोटी कथा के माध्यम से प्रत्येक को सुकर्मों में अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया तथा स्वामी जी की शिक्षाओं को आत्मसात करने को कहा। अन्त में डीन वैदिक अध्ययन सोसायटी श्रीमती ममता ने भी कहा कि मैं ऐसे महान् पुरुष के आगे नत्मस्तक हूं। जिन्होंने अपना जीवन स्वाधीनता, स्वराज्य तथा वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया तथा उन्होंने सभा में उपस्थित सभी सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।