Part-1 : करप्शन के 2 बेताज बादशाह है एटीपी व इंस्पेक्टर, तल्हन रोड, रामा मंडी व दकोहा इलाके में कई अवैध कॉलोनियों , दुकानों व बिल्डिंगों से वसूल लिए लाखों, भ्रष्ट अधिकारियों पर मेहरबान विजिलेंस विभाग
जालंधर( अमन बग्गा) पार्ट: -1, नगर निगम भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है ! विभाग के अधिकारियों ने शायद अपने वेतन का कभी प्रयोग किया हो ! क्योंकि ऊपर से ही इतनी कमाई आ रही है कि घर पूरे भरे हुए हैं !
ऐसा ही हाल एटीपी रविंदर और उनके इंस्पेक्टर निर्मल जीत वर्मा का दिखाई दे रहा है ! इन दोनों अधिकारियों के अधीन आते तलहण रोड , दकोहा व रामा मंडी के आसपास के इलाको में कई अवैध कॉलोनियां , दुकानें व कई अवैध बिल्डिंग्स बन गई है। इन अवैध निर्माणों को रोकने के लिए नगर निगम के एटीपी व इंस्पेक्टर बिल्कुल भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है !
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन अवैध निर्माणों से विभागीय अधिकारियों को इतना माल मिल रहा है कि उन्हें अपना वेतन देखने की तो फुर्सत भी नहीं! अपने वेतन से कई गुणा अधिक कमाई तो इन अवैध निर्माणों से उन्हें हो रही है!
आज इस भ्रष्टाचार की कहानी के Part; 1 में हम दकोहा फाटक से दाएं और सिटी एंक्लेव में बनी एक अवैध कॉलोनी की बात करने जा रहे हैं इस अवैध कॉलोनी में बाहर की ओर दर्जनों अवैध दुकानें बनाई गई हैं कॉलोनी को ना तो नगर निगम से पास करवाया गया है ना लाखों रुपए सरकारी फीस भरी गई है बस विभागीय अधिकारियों की जेब गर्म करके सारा तामझाम चलाया जा रहा है ।
मामले पर कई बार नगर निगम में शिकायत की जा चुकी है परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त विभागीय अधिकारी अपने एटीपी रविन्द्र और इंस्पेक्टर वर्मा पर कोई कार्रवाई करते दिखाई नहीं दे रहे |
हैरानी की बात तो यह है कि इस मामले में एक शिकायत 29 सितंबर को शिवसेना के नेता आशीष अरोड़ा और कुणाल कोहली की ओर से नगर निगम के अधिकारियों को की गई थी, परंतु कई महीने बीत जाने के बाद भी बजाय इस कॉलोनी पर कोई कार्रवाई की जाती उल्टा इस कॉलोनी में निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहा है |
इस से साफ है कि विभागीय अधिकारी ना तो शिकायतों पर कार्रवाई करते हैं और ना ही भ्रष्टाचार रोक कर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी दिखाते हैं
शिकायत कर्ता का कहना है कि भ्रष्ट अधिकारियों पर विजिलेंस विभाग भी लगता है कि पूरी तरह से मेहरबान है। इसी लिए इन को भ्रष्ट अधिकारी नजर नही आ रहे।