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Online Class: परिवार ने नहीं मानी बेटे की जिद, नहीं ठीक करवाके दी टूटे मोबाइल की स्क्रीन, छात्र ने कर ली खुदकुशी

नई दिल्ली: गोवा के सत्तारी तालुका के पाल गांव में कोरोना महामारी के कारण, कमाई में कमी, एक अनिश्चित भविष्य से परेशान परिवार के सामने उस वक्त एक परेशानी खड़ी हो गई जब टूटे हुए मोबाइल के कारण उनके 16 साल के बेटे ने घर में फांसी का फंदा लटाकर मौत को गले लगा लिया।

 

 

एक प्राइवेट बस चलाने वाले बच्चे के पिता कहते हैं कि उनका बेटा गांव के एक सरकारी स्कूल में कक्षा 10 का छात्र था। कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने से बच्चा ऑनलाइन ही क्लास लिया करता था, जिसके लिए पिता ने उसे एक स्मार्टफोन दिलवा रखा था। 11 अक्टूबर को बच्चे के फोन की स्क्रीन टूट गई। उसने ये बात अपनी मां को बताई। मां ने बच्चे को समझाने की कोशिश की इतनी जल्दी स्मार्टफोन को ठीक नहीं करवाया जा सकता है, क्योंकि घर के आर्थिक हालात अच्छे नहीं है। इसे लेकर बच्चा जिद करने लगा।

किशोर के पिता ने कहा, ‘हम महीनों से संघर्ष कर रहे थे, इसलिए हर कोई बुरे मूड में था। जब मैं काम से वापस आया, तो वह मेरे साथ बहस करने लगा। मैंने उसे कहा, मेरे सिर्फ 500 रुपये है, जिससे मुझे घर के लिए राशन लाना है। तो बेटे ने मुझे स्मार्टफोन ठीक करवाने के लिए 2000 रुपये का इंतजाम सिर्फ 4 दिनों में करने के लिए कहा, जिसको देने से पिता ने इनकार कर दिया। माता-पिता के आर्थिक हालातों को न समझते हुए बच्चे ने आखिरकार फांसी के फंदे को गले लगा लिया।

 

 

किशोर के पिता का कहना है कि वो रोजाना 700 रुपये कमाते थे, लेकिन लॉकडाउन में 4 महीने तक उनके पास आय के एक रुपये नहीं हैं। लॉकडाउन खत्म होने के बाद उन्होंने काम पर जाना शुरू किया है, लेकिन पहले की तरह आय नहीं है। वो अब सिर्फ 500 रुपये ही कमा पाते हैं। पिता का कहना है कि कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए कटौती नहीं की। लॉकडाउन में खर्चे बढ़ रहे हैं, लेकिन हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ऑनलाइन क्लास के लिए स्मार्टफोन एक है और पढ़ने वाले दो बच्चे। लेकिन बड़े बेटे की पढ़ाई के लिए उन्होंने छोटे की पढ़ाई भी रोक दी थी, क्योंकि दोनों की क्लास का वक्त लगभग एक ही था।