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Omicron ही बनेगा कोरोना के खात्मे की वजह, जानें कैसे

नई दिल्ली: ओमिक्रोन ने देश और पूरी दुनिया में दहशत मचाई हुई है। नया साल का मौका है, लेकिन देश की अधिकतर जगहों पर ओमिक्रोन ने पाबंदियां लगाने को मजबूर कर दिया है। दिल्ली में कड़ी पाबंदियां हैं। जबकि मुंबई जैसे शहर में धारा 144 लगा दी गई है। इस बीच के ऐसी खबर है, जो बड़ी राहत दे सकती है। जिस ओमिक्रोन ने मुश्किल में डाला हुआ है, वही कोरोना वायरस के खात्मे की वजह बनेगा। यानी ओमिक्रोन ही कोरोना वायरस को हमेशा के लिए खत्म कर देगा। ओमिक्रोन किसी वैक्सीन की तरह काम करेगा। वैज्ञानिक काफी शोध के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रोन तेज फैलता ज़रूर है, लेकिन ये इस महामारी का अंत कर देगा, इसलिए इससे डरने की ज़रूरत नहीं है।

ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. राम एस. उपाध्याय ने ये जानकारी दी है। उनके मुताबिक ओमिक्रोन वेरिएंट ज्यादा फैलता है, फेफड़ों में काफी धीमी गति से असर करता है। जबकि डेल्टा वेरिएंट बेहद घातक है, और फेफड़ों पर बहुत जल्दी हमला करता था। ओमिक्रोन इसके मुकाबले बेहद हल्का है। डॉ। उपाध्याय का कहना है कि ओमिक्रॉन पिछले वेरिएंट से काफी अलग है। डेल्टा जल्दी ही फेफड़ों तक पहुंच जाता था, जबकि ओमिक्रोन श्वासनली में रुक जाता है। ओमिक्रोन श्वासनली में रूककर ही अपनी संख्या बढ़ाता है, लेकिन तब तक श्वासनली में ही इसकी गति काफी कम हो जाती है।

डॉ. उपाध्याय बताते हैं कि श्वासनली में ‘म्यूकोसल इम्यून सिस्टम’ होता है। ‘म्यूकोसल इम्यून सिस्टम’ इम्यूनिटी सिस्टम का केंद्र होता है। इसी केंद्र में एंटीबॉडी बनती है। इसे ‘इम्यूनोग्लोबुलिन आईजीए’ कहते हैं। ओमिक्रोन भी इसी श्वासनली में रुकता है। यानी श्वासनली में एंटीबॉडी ओमिक्रोन को गंभीर होने से पहले ही खत्म करने की शुरुआत कर देती है। इससे ओमिक्रोन को इतना मौका नहीं मिल पाएगा, जिससे वो घातक होकर जानलेवा हो सके। हाँ, ये ज़रूर है कि जिन लोगों को पहले से ही गंभीर बीमारी है, उन्हें इससे मुश्किल हो सकती है। हालाँकि फिर भी इतना डरने की ज़रूरत नहीं है। ओमिक्रोन जितनी तेजी से फैलेगा, उनका कम होता जाएगा। शरीर भी इससे लड़ने में सक्षम होता जाएगा और असर को कम कर देगा।

Omicron will be the reason for the end of Corona, know how