जालंधर: बच्चों के यौन शोषण से जुड़े मामलों में लगातार कड़ा रुख अपनाते हुए जालंधर की स्पेशल पॉक्सो अदालत ने एक और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने अपनी नाबालिग फुफेरी बहन से बलात्कार कर उसे गर्भवती करने वाले दोषी भाई को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। हालांकि, इसी मामले में सबूतों के अभाव में दोषी के माता-पिता समेत तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया।
मामले की जानकारी के अनुसार, पीड़िता के परिजनों ने मार्च 2024 में थाना सदर नकोदर में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि पीड़िता की बुआ का बेटा हरप्रीत सिंह, जो बिलगा का रहने वाला है, दिसंबर 2023 में काफी समय तक उनके घर पर रहने के लिए आया था। इसी दौरान उसने भरोसे को तार-तार करते हुए अपनी नाबालिग फुफेरी बहन के साथ कई बार दुष्कर्म किया, जिसके चलते पीड़िता गर्भवती हो गई।
जैसे ही आरोपी हरप्रीत को लड़की के गर्भवती होने का पता चला, वह अपने घर बिलगा वापस भाग गया। उसके जाने के बाद पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर अपने साथ हुई हैवानियत की जानकारी परिजनों को दी।
गर्भवती होने के कारण पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उसका इलाज करवाया गया। परिवार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए थाना सदर नकोदर की पुलिस ने आरोपी हरप्रीत सिंह, उसके माता-पिता और एक दाई के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 315, 316 और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने मुख्य आरोपी हरप्रीत को गिरफ्तार कर लिया था और जांच के दौरान पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी।
मामले की सुनवाई पॉक्सो की स्पेशल कोर्ट की माननीय जज अर्चना कंबोज की अदालत में हुई। डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी अनिल कुमार बोपाराए के नेतृत्व में सरकारी वकील निखिल नाहर ने अभियोजन पक्ष की ओर से मजबूती से दलीलें पेश कीं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी हरप्रीत सिंह को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं, मामले में नामजद हरप्रीत के माता-पिता और दाई को दोष साबित न होने पर बरी कर दिया गया।
गौरतलब है कि अदालत ने कुछ दिन पहले ही जालंधर के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल के पियानो टीचर तोबियस को भी मासूम छात्रों के यौन शोषण मामले में 20 साल की सख्त सजा सुनाई थी।
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Court gives severe punishment to brother convicted