फरीदकोट: जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए अग्निवीर आकाशदीप सिंह को अभी तक शहीद का दर्जा न दिए जाने से उनके परिवार में गहरा रोष है। फरीदकोट जिले के कोठे चहल गांव के रहने वाले आकाशदीप सिंह की जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान सिर में गोली लगने से मौत हो गई थी। उनके पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है, लेकिन सरकार या सेना द्वारा उन्हें शहीद घोषित न किए जाने के कारण परिवार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
अग्निवीर आकाशदीप की माता कर्मजीत कौर ने बातचीत में कहा कि जिस दिन उनके बेटे का पार्थिव शरीर घर आया था, वह सदमे में थीं। बाद में उन्हें पता चला कि उनके बेटे को न तो शहीद घोषित किया गया है और न ही एक शहीद को मिलने वाला सम्मान दिया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके बच्चे की शहादत का अपमान किया जा रहा है।
कर्मजीत कौर ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह अपने बेटे को न्याय दिलाने और उसका सम्मान बहाल करवाने के लिए लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि जब तक उनके बेटे को शहीद घोषित नहीं किया जाता, तब तक वह उसकी अस्थियों का जल विसर्जन नहीं करेंगी।
उन्होंने केंद्र और पंजाब सरकार से अग्निवीर योजना को बंद करने की अपील की, ताकि कम उम्र में माताओं के बेटों को अपनी जान न गंवानी पड़े। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी द्वारा शहीद के नाम पर अवार्ड शुरू करने और परिवार को आजीवन मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने के बयान पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में किसी ने नहीं बताया, सिर्फ मीडिया से ही जानकारी मिली है। परिवार से आज तक किसी ने संपर्क नहीं किया है।
इस मौके पर आकाशदीप की रिश्तेदार दलजीत कौर ने भी कहा कि यह अग्निवीर योजना बंद होनी चाहिए, जिसके तहत देश की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले जवानों को शहीद ही घोषित न किया जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आकाशदीप की शहादत का मजाक उड़ाया गया है, उससे सेना में भर्ती होने के इच्छुक बाकी साथियों का हौसला भी टूटा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आकाशदीप को शहीद घोषित नहीं किया गया, तो वे इस लड़ाई को केवल अस्थि विसर्जन न करके ही नहीं लड़ेंगे, बल्कि इसे पंजाब स्तर पर ले जाएंगे।
दलजीत कौर ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका बेटा देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुआ, लेकिन आज तक उसे शहीद घोषित नहीं किया गया। अंतिम संस्कार के समय भी उसे वह सम्मान नहीं दिया गया, जिसका एक शहीद हकदार होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अंतिम यात्रा के समय श्रद्धांजलि देने के लिए फूल और तिरंगे भी आकाशदीप के दोस्त लेकर आए थे, जबकि प्रशासन सिर्फ फोटो खिंचवाने आया था। उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द अग्निवीर आकाशदीप सिंह को शहीद घोषित किया जाए और उन्हें बनता मान-सम्मान दिया जाए।
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