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सिंघु बॉर्डर पर आज 32 किसान संगठन तय करेंगे आगे की रणनीति, MSP पर चर्चा संभव

चंडीगढ़: भले ही केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया गया है पर किसान मोर्चे द्वारा स्पष्ट किया गया है कि वह तुरंत आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे। उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक संसद में इन काले कानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरु नहीं हो जाती। इसको लेकर आज सिंघु बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों की बैठक होने वाली है।

यह मीटिंग शनिवार दोपहर 2 बजे होने जा रही है। तीन कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद अब किसानों ने एमएसपी और बिजली का मुद्दा उठाया है। युनाडिट किसान मोर्चा ने सरकार को याद दिलाया कि एमएसपी और विद्युत अध्यादेश संशोधन विधेयक की वापसी अभी बाकी है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। मोर्चे द्वारा एक ब्यान जाकी किया गया, एमकेएम इस फैसले का स्वागत करती है औऱ संसद प्रकिया के जरिए इस ऐलान के लागू होने का इंतजार करेगी। यदि ऐसा होता है तो यह भारत में एक साल के संघर्ष की ऐतिहासित जीत होगी। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि कानूनों का विरोध करने वाले किसान 29 नवंबर का इतंजार करेंगे।

Today 32 farmer organizations will decide the future strategy on the Singhu border, discussion on MSP is possible