श्री हरमंदिर साहिब नतमस्तक हुई राष्ट्रपति मुर्मू, विजिटर बुक में लिखा ये संदेश

अमृतसर: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेका और ‘कड़ाह प्रसाद’ चढ़ाया तथा गुरबानी कीर्तन का श्रवण किया। मुर्मू को सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेकने के अवसर पर पतासा प्रसाद और फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया। वह लंगर चखने श्री गुरु रामदास जी भी गई जहां उन्होंने पंगत में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया।

गोल्डन टेंपल विजिटर बुक में राष्ट्रपति द्वारा लिखा गया संदेश।

राष्ट्रपति ने सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के अपने अनुभव को साझा करते हुए यात्रा पुस्तिका में लिखा, “मैं इस पवित्र स्थान पर आकर बहुत खुश हूं। सुंदर वास्तुकला और आध्यात्मिक शांति के साथ, यह पवित्र स्थान शांति और सद्भाव की भावना पैदा करता है। मैंने यहां देश की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की है। लंगर के दौरान सेवाकर्मियों को विशेष रूप से सेवा और भक्ति की भावना के साथ अथक परिश्रम करते हुए देखकर बहुत खुशी हुई। सिख गुरुओं की शिक्षा हमें भाईचारे और एकता का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करती है।”

गुरुघर में कीर्तन सुनते हुए राष्ट्रपति।

द्रौपदी मुर्मू को शिरोमणि समिति के पदाधिकारियों एवं सूचना अधिकारियों ने इस पवित्र स्थल के इतिहास, रीति-रिवाजों, सिख परम्पराओं से अवगत कराया गया। श्री दरबार साहिब के सूचना केंद्र में शिरोमणि समिति द्वारा उन्हें विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया। सचखंड श्री हरिमंदर साहिब में राष्ट्रपति के मत्था टेकने के मौके पर शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी समेत अन्य सदस्य एवं अधिकारी मौजूद रहे थे।

गुरुघर में नतमस्तक होते हुए राष्ट्रपति।

इस दौरान श्री दरबार साहिब के सूचना केंद्र में द्रौपदी मुर्मू को सम्मानित करने के मौके पर शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष धामी ने बंदी सिंहों की रिहाई और हरियाणा कमेटी एक्ट को निरस्त करने के संबंध में दो मांग पत्र भी सौंपे। मांग पत्र में कहा गया है कि लंबी सजा काटने के बावजूद सिख बंदियों को रिहा नहीं किया जा रहा है। यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप करने और बंदी सिंह को रिहा करने के लिए सरकार को आदेश जारी करने की मांग की गई। इस मांग पत्र में गुरदीप सिंह खेड़ा, भाई बलवंत सिंह राजोआना, प्रो. देविंदरपाल सिंह भुल्लर और जगतार सिंह हवारा समेत 9 सिख कैदियों का जिक्र किया गया है।

गोल्डन टेंपल में गुरुघर के अंदर कीर्तन सुनते हुए राष्ट्रपति।

दूसरे मांग पत्र में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन अधिनियम, 2014 को निरस्त करने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि हरियाणा सरकार ने इस अधिनियम को असंवैधानिक तरीके से बनाया है। हरियाणा कमेटी एक्ट बनाते समय सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है।

हरियाणा के ऐतिहासिक गुरुद्वारों का प्रबंधन शिरोमणि समिति के पास 1925 के अधिनियम के तहत है और वर्तमान में गुरुद्वारा साहिब उसी के तहत अधिसूचित हैं। राष्ट्रपति से मांग की गई कि इस असंवैधानिक हरियाणा कमेटी एक्ट को निरस्त करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश, एसजीपीसी के कनिष्ठ उपाध्यक्ष अवतार सिंह रिया, महासचिव भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल भी उपस्थित रहे।

Shri Harmandir Sahib bowed down to President Murmu, wrote this message in the visitor’s book