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सिख धर्म की मर्यादा अनुसार एससी लखबीर सिंह का हो भोग, सांपला ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को की अपील

-जब तक कोई सबूत नहीं मिलता या पुलिस उसे दोषी नहीं मानती, तब तक उसे बेअदबी का दोषी मानना गलत : सांपला

-लखबीर सिंह ने बेअदबी की है इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं आया सामने, तो वो दोषी कैसे

-लखबीर की हत्या करने वाले बेअदबी का आरोप लगाते हैं, पर प्रमाण नहीं देते

चंडीगढ़: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि सिंघू बार्डर पर किसान संगठनों के धरनास्थल पर बेरहमी से कत्ल किए गए अनुसूचित जाति के लखबीर सिंह का भोग सिख धर्म अनुसार करवाया जाए। सांपला ने कहा कि ‘आपको इसकी भी जानकारी होगी कि उसके अंतिम संस्कार पर कुछ लोगों खासकर सत्कार कमेटी द्वारा यह कहते हुए कि इसने श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है, उसके अंतिम संस्कार पर सिख मर्यादा अनुसार अरदास नहीं करने दी गई।’

पत्र के जरिए सांपला ने बताया कि वायरल वीडियो में कुछ लोग तड़पते हुए लखबीर सिंह के पास खड़े होकर बोल रहे हैं कि इसने बेअदबी की है किंतु सच तो यह है कि इस संबंध में अभी तक कोई भी वीडियो या फिर फोटो प्रमाण के रूप में सामने नहीं आया है, जिससे यह साबित हो सके कि अनुसूचित जाति के सिख ने बेअदबी की थी। सांपला ने आगे कहा कि वीडियो जो सामने आए हैं उनमें से एक में जमीन पर पड़ा लखबीर सिंह बेरहमी से कटे हाथ के साथ कराहता दिख रहा है, दूसरे वीडियो में उसे संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच के पास उल्टा टांगा गया है और तीसरे वीडियो में वह सडक़ अवरोधक (बैरिकेट) के साथ टांगा हुआ है।

जब तक पुलिस की जांच पड़ताल में यह साबित नहीं हो जाता कि उसने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है तब तक अनुसूचित जाति के लखबीर सिंह को दोषी नहीं माना जाना चाहिए। वैसे भी वॉयरल वीडियो में वहां खड़े निहंग सिख/लोग खुद बोल रहे हैं कि लखबीर सिंह सर्वलोह ग्रंथ की पोथी लेकर भाग रहा था, तो श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी कहां से हुई।

पंजाब भर में खासकर बॉर्डर के जिलों में बहुत सी संस्थाओं द्वारा धर्मांतरण की मुहिम चलाई जा रही है। जिससे अनुसूचित सिखों को विशेषतौर पर निशाने पर लेकर बड़ी संख्या में धर्मांतरण किया गया है और जोऱ-शोर से अभी भी किया जा रहा है। लखबीर सिंह की हत्या एवं उसके दाह संस्कार के दौरान अरदास न किए जाने देना और भोग की रस्म का भी विरोध करना जैसी घटनाएं अनुसूचित जाति के सिखों को और निराशा की तरफ धकेलती हैं और ऐसे व्यवहार के कारण पंजाब में धर्मांतरण की मुहिम को और तेजी मिलती है।

विजय सांपला ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब को अपील की है कि सिंघू बार्डर पर मौत का शिकार हुए लखबीर सिंह की अंतिम रस्में सिख धर्म रहित मर्यादा तहत किए जाने के अनुमति दी जाए।

Sampla appealed to the Jathedar of Sri Akal Takht Sahib