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पंजाब पुलिस ने गैंगस्टर जयपाल भुल्लर मामले में एक और व्यक्ति को किया गिरफ्तार

चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने आज हरियाणा के एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है, जिसके पहचान पत्र और दस्तावेज़ों का प्रयोग गैंगस्टर से नशा तस्कर बने जयपाल भुल्लर और जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी के छिपने के लिए कोलकाता में किराए पर फ्लैट लेने के लिए किया गया था। गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति की पहचान सुमित कुमार निवासी मेहम, हरियाणा के तौर पर हुई है।

यह मामला पश्चिम बंगाल पुलिस की एस.टी.एफ. द्वारा जयपाल भुल्लर और जसप्रीत जस्सी के एनकाउंटर के दौरान मारे जाने से तीन दिन बाद सामने आया है। बताने योग्य है कि जब पश्चिम बंगाल पुलिस ने कोलकाता में उक्त गैंग्स्टरों के फ्लैट पर छापा मारा तो उन्होंने पुलिस पार्टी पर गोलियाँ चला दीं।

अतिरिक्त डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (ए.डी.जी.पी.) काउन्टर इंटेलिजेंस और संगठित अपराध रोकथाम इकाई (ओ.सी.सी.यू.), अमित प्रसाद ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा सुमित, जोकी भरत कुमार का करीबी साथी कम बिजऩेस पार्टनर है, को गिरफ़्तार कर लिया गया है। भरत कुमार ने 15 मई, 2021 की शाम को जगराओं की अनाज मंडी में जगराओं पुलिस के दो ए.एस.आईज़ भगवान सिंह और दलविन्दरजीत सिंह की हत्या के बाद जयपाल भुल्लर और जस्सी को मोरैना, ग्वालियर से फऱार होने और उनके लिए कोलकाता में छिपने का प्रबंध करने में सहायता की थी।

भरत को 9 जून के दिन राजपुरा क्षेत्र के शंभू बॉर्डर के नज़दीक .30 बोर की पिस्तौल और हौंडा अकौर्ड कार समेत गिरफ़्तार किया गया था और उसकी तरफ से किए गए खुलासों के आधार पर पंजाब पुलिस ने पश्चिम बंगाल पुलिस को जानकारी दी कि दोनों गैंगस्टर जयपाल और जस्सी, कोलकाता में किराए के फ्लैट में रह रहे हैं।

ए.डी.जी.पी. ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि सुमित कुमार और भरत कुमार जो साल 2015 से बिजऩेस पार्टनर थे, विभिन्न देशों और अन्य राज्यों से खऱीदे गए विदेशी टेलीकॉम के मोबाइल नंबरों समेत फैंसी मोबाइल नंबरों की गैर-कानूनी बिक्री में शामिल थे और वह ऐसे मोबाइल नंबर बहुत महंगे मूल्य पर पंजाब और हरियाणा में बेचते थे।

उन्होंने बताया कि भरत के पास कांस्टेबल अमरजीत सिंह की आधिकारित आईडी भी थी, जिसका प्रयोग ग्वालियर से फऱार होने पर टोल प्लाज़ों से निकलने के लिए किया गया था। ए.डी.जी.पी. अमित प्रसाद ने कहा, ‘‘हालाँकि भरत ने दावा किया कि कांस्टेबल अमरजीत उसका और सुमित का दोस्त है, परन्तु पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि उसके पास अमरजीत की आधिकारित आईडी क्यों थी और क्या कांस्टेबल अमरजीत सिंह को इस बात की जानकारी थी कि भरत द्वारा उसकी आधिकारित आईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। जि़क्रयोग्य है कि आपराधिक कार्यवाहियों और गतिविधियों में भरत और सुमित की भूमिका की जांच के लिए अगली जांच की जा रही है।

punjab police arrested one more person in jaipal bhullar case