You are currently viewing पंजाब सरकार ने अवैध कालोनियों को लेकर किया बड़ा फैसला, पढें पूरी खबर

पंजाब सरकार ने अवैध कालोनियों को लेकर किया बड़ा फैसला, पढें पूरी खबर

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने भूखंडों के पंजीकरण को सुचारू बनाने और जायदाद से सम्बन्धित धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए गैर-कानूनी/अनधिकृत कालोनियों में भूखंडों के पंजीकरण सम्बन्धी सब-रजिस्ट्रारों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं।

आवास निर्माण और शहरी विकास और स्थानीय निकाय विभागों को कहा गया है कि वह क्षेत्र के विवरणों, खसरा नंबरों और प्रमाणित ले-आउट योजना के साथ-साथ लाइसेंसशुदा/अधिकृत कालोनियों/स्कीमों से सूचियां प्रकाशित करें जिससे ऐसा क्षेत्र स्पष्ट तौर पर परिभाषित किया जा सके जहां सेल डीड या अधिकारों के तबादले से सम्बन्धित दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन के लिए एन. ओ. सी. की जरूरत नहीं है। ये सूचियां सभी सब-रजिस्ट्रारों के पास उपलब्ध होंगी और वह राजस्व विभाग की तरफ से जारी हिदायतों अनुसार कालोनियों की स्थिति की जांच करने के बाद सेल डीडज़ को रजिस्टर करेंगे।

यह फैसला मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत करने के कुछ दिन बाद आया है जिसमें नागरिक प्लाटों के कब्जे से सम्बन्धित शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं। ऑनलाइन पोर्टल जायदाद के कब्जे सम्बन्धी प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ उचित ढंग से जायदाद के कब्जे सम्बन्धी सेवाएं प्रदान करेगा।

राजस्व मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा कि गैर-कानूनी कालोनियां न सिर्फ राज्य के अनियोजित शहरीकरण का कारण बन रही हैं, बल्कि आम लोगों को बहुत सी मुश्किलों का कारण भी बन रही हैं। प्लाटों की खरीद करने के लिए लोगों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी और उनको इन गैर-कानूनी कालोनियों में कब्जा तक नहीं मिलता क्योंकि कालोनाईज़र इन कालोनियों में ‘रास्ते’ भी बेच देते हैं। इन कालोनियों में जल सप्लायी, सीवरेज, बिजली आदि जैसी बुनियादी सहूलियतों की भी कमी है। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने इस समस्या से सख्ती से निपटने का फैसला किया है और इस सम्बन्धी यह दो बड़े फैसले लिए गए हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्त कमिश्नर (राजस्व) अनुराग अग्रवाल ने बताया कि पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जांच करने और जरूरत अनुसार आवेदनों पर कार्रवाई के लिए एक समर्पित सेल स्थापित किया गया है। हर आवेदन की स्थिति पोर्टल पर अपडेट की जायेगी और सम्बन्धी व्यक्ति स्थिति जानने के लिए पोर्टल पर अपने आवेदन को ट्रैक भी कर सकता है।