
राजपुरा: पंजाब के राजपुरा से इमीग्रेशन फ्रॉड का एक ऐसा हैरतअंगेज मामला सामने आया है, जिसकी कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। एक शख्स अपने बेटे के साथ इंग्लैंड में रह रही अपनी पत्नी के पास जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन जब उसका वीजा नहीं लगा तो उसने वजह जानने की कोशिश की। जो सच्चाई सामने आई, उसे सुनकर उसके होश उड़ गए। उसे पता चला कि दस्तावेजों में उसकी पत्नी के 15 और पति हैं, जो पहले ही इंग्लैंड पहुंच चुके हैं।
यह सुनकर कोई भी सन्न रह जाएगा, लेकिन इसके पीछे एक शातिर इमीग्रेशन एजेंट दंपति का हाथ है। पुलिस भी इस मामले की जांच में चकरा गई है। दरअसल, महिला के 15 पति नहीं हैं, बल्कि उसके पहचान पत्रों (ID Proof) का इस्तेमाल करके 15 अलग-अलग युवकों को उसका पति बताकर फर्जी तरीके से इंग्लैंड भेज दिया गया। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि इंग्लैंड में बैठी असली पत्नी को इस पूरे फर्जीवाड़े की भनक तक नहीं थी।

यह पूरा मामला आलमपुर निवासी भिंदर सिंह की शिकायत के बाद खुला। भिंदर सिंह की पत्नी इंग्लैंड में रहती हैं और उन्होंने अपने पति और बेटे के लिए स्पांसरशिप भेजी थी। भिंदर ने इंग्लैंड जाने के लिए राजपुरा में एक इमीग्रेशन कंपनी चलाने वाले दंपति प्रशांत और रूबी के पास अपनी फाइल लगाई और उन्हें 5 लाख 90 हजार रुपये भी दिए। लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी जब वीजा नहीं लगा तो भिंदर को शक हुआ।
कहानी में भूचाल तब आया जब भिंदर सिंह को खबर मिली कि उसकी पत्नी को इंग्लैंड में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जब इस गिरफ्तारी की वजह सामने आई तो पूरा परिवार सन्न रह गया। पता चला कि इमीग्रेशन एजेंट प्रशांत और रूबी ने भिंदर और उसकी पत्नी के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर 15 अन्य युवकों को उसकी पत्नी का पति बनाकर अवैध तरीके से इंग्लैंड भेज दिया था। जब यह फर्जीवाड़ा इंग्लैंड की अथॉरिटी के सामने खुला तो उन्होंने असली पत्नी को ही गिरफ्तार कर लिया।
पीड़ित भिंदर सिंह ने तुरंत राजपुरा पुलिस में आरोपी दंपति प्रशांत और उसकी पत्नी रूबी के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में केस दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और इस बड़े अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े की परतें खोलने में जुट गई है।
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