
चंडीगढ़: पंजाब में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां कई इलाके अभी भी बाढ़ के पानी में डूबे हैं, वहीं दूसरी ओर चंडीगढ़ मौसम केंद्र ने पूरे राज्य में भारी बारिश का फ्लैश अलर्ट जारी कर इस संकट को और गहरा दिया है। शनिवार सुबह से ही लुधियाना समेत कई जिलों में तेज बारिश हो रही है, जिससे बचाव कार्यों में बाधा आ रही है और नए इलाकों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है।
लुधियाना के ससराली गांव में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है, जहां धुस्सी बांध की मिट्टी खिसकने से सतलुज नदी का पानी तेजी से खेतों में फैल रहा है। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सेना को बुलाया है। फिलहाल, सेना और स्थानीय प्रशासन के जवान मिलकर बांध को टूटने से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।

अमृतसर के रमदास इलाके में रावी नदी के कारण टूटे 8 धुस्सी बांधों को भरने का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि, अभी भी 5 टूटे हुए बांधों तक पहुंचना बाकी है, जहां बचाव दलों को सफलता नहीं मिल पाई है। पठानकोट से लेकर तरनतारन तक रावी नदी के जलस्तर में कुछ कमी आई है, जिससे थोड़ी राहत मिली है।
इस मुश्किल घड़ी में भाखड़ा बांध से एक राहत भरी खबर है। शुक्रवार रात 9 बजे भाखड़ा बांध का जलस्तर 1678.40 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 1680 फीट से लगभग डेढ़ फीट नीचे है। बांध में पानी की आवक कम होने से यह गिरावट आई है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए भाखड़ा से करीब 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसमें से लगभग 50 हजार क्यूसेक पानी ही सतलुज नदी में जा रहा है। इस पानी का असर रूपनगर से लेकर लुधियाना और हरिके हेडवर्क्स तक देखा जा रहा है।
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No respite from floods in Punjab










