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WHO के 47 लाख लोगों की कोरोना से मौत के दावे पर भारत ने दर्ज कराई आपत्ति, कहा- आकंड़ा झूठा

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 47 लाख लोगों की मौत हुई। सरकार ने डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं।

भारत ने डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रामाणिक आंकड़ों की उपलब्धता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी से संबंधित अधिक मृत्यु दर अनुमानों को पेश करने के लिए गणितीय मॉडल के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस्तेमाल किए गए मॉडल और डेटा संग्रह की कार्यप्रणाली संदिग्ध है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक 1.33 करोड़ से लेकर 1.66 करोड़ लोगों यानी 1.49 करोड़ लोगों की मौत या तो कोरोनावायरस या स्वास्थ्य सेवा पर पड़े इसके प्रभाव के कारण हुई। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस ने इस आंकड़े को ‘गंभीर’बताते हुए कहा कि इससे देशों को भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ बेहतर निर्णयों और बेहतर परिणामों के लिए बेहतर डेटा तैयार करने के लिए अपनी स्वास्थ्य सूचना प्रणाली को मजबूत करने के दिशा में सभी देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अत्यधिक मृत्यु दर में प्रत्यक्ष रूप से (बीमारी के कारण) या परोक्ष रूप से (स्वास्थ्य प्रणालियों और समाज पर महामारी के प्रभाव के कारण) कोविड-19 से जुड़ी मौतें शामिल हैं। अप्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 से जुड़ी मौतें अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण होती हैं, जहां लोग रोकथाम और उपचार व्यवस्था का इस्तेमाल करने में असमर्थ थे क्योंकि स्वास्थ्य प्रणालियों पर महामारी का अधिक बोझ था।

भारत के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 महामारी से जुड़ी मौतों की संख्या 47,40,894 है। भारत के लिए एक तकनीकी नोट में, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अनुमानों को आधिकारिक तौर पर भारत द्वारा तैयार राष्ट्रीय आंकड़ों के रूप में नहीं माना जा सकता है, क्योंकि डेटा और डब्ल्यूएचओ द्वारा उपयोग की जाने वाली विधियों में अंतर है। यह उल्लेख किया गया कि 2020 के लिए भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) की जानकारी भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) द्वारा 3 मई, 2022 को एक रिपोर्ट में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई गई थी। नई दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि भारत इस मुद्दे को विश्व स्वास्थ्य एसेंबली और आवश्यक बहुपक्षीय मंचों पर उठा सकता है।

भारत सरकार ने WHO के अनुमान पर जताई आपत्ति
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत डब्ल्यूएचओ द्वारा गणितीय मॉडल के आधार पर अधिक मृत्यु दर का अनुमान लगाने के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली पर लगातार आपत्ति जताता रहा है। बयान में कहा गया कि इस मॉडल की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर भारत की आपत्ति के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान जारी किया है।

भारत ने डब्ल्यूएचओ को यह भी सूचित किया था कि भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) द्वारा नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के माध्यम से प्रकाशित प्रामाणिक डेटा की उपलब्धता को देखते हुए गणितीय मॉडल का उपयोग भारत के लिए अतिरिक्त मृत्यु संख्या को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

India lodged an objection to WHO’s claim of 47 lakh people dying from Corona, said- figure is false