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जालंधर में हुई हाईप्रोफाइल रेड में खाली हाथ रह गए इनकम टैक्स अधिकारी! हिमाचल और गुजरात चुनाव में फंडिंग को लेकर आईटी विभाग मौन, नहीं की कोई पुष्टि

-निवेशक चंद्र अग्रवाल का आम आदमी पार्टी या अन्य किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध होने के सबूत नही पेश कर पाए आईटी अधिकारी

जालंधर (अमन बग्गा): जालंधर में केंद्रीय आयकर विभाग द्वारा प्रसिद्ध उद्योगपति शीतल विज,निवेशक चन्द्र अग्रवाल और शराब सिंडिकेट के कार्यालय में 4 दिन तक चली छापेमारी भले ही बंद हो चुकी है लेकिन आईटी की रैड अभी तक चर्चा का विषय बनी हुई है।

हैरानी की बात यह है कि आईटी अधिकारियों की तरफ से विभिन्न ठिकानों पर हुई रेड में क्या आपत्तिजनक दस्तावेज, मुद्रा और अन्य कीमती सामान की बरामदगी हुई है या नही अभी तक कोई भी पुष्टि नही की गई है। फिलहाल आईटी अधिकारियों ने सटीक विवरण साझा करने से इनकार कर दिया है। मात्र शराब सिंडीकेट के ऑफिस से मिली 38 लाख की नगदी की ही जानकारी सामने आई है।

हालांकि इस हाईप्रोफाइल मामले में सूत्रों पर आधारित एक बड़ा दिलचस्प मोड सामने आया है। इस रेड प्रक्रिया से संबंधित छपे विभिन्न समाचारों की सुर्ख़ियों में यह पढ़ने को मिला कि ज्योति चौक क्षेत्र में स्थित ऑफिस के निवेशक चंद्र अग्रवाल आम आदमी पार्टी का नेता है और इसके सीधे संबंध आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से हैं।

शहर में ये भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि इस रेड का कनेक्शन हिमाचल और गुजरात में हो रहे चुनावों से है, जहां आम आदमी पार्टी को करोड़ों की फंडिंग की जानी है। लेकिन बात फिर वही सबूतों पर आकर रुकती है। आईटी रेड की समाप्ति के बाद बड़े सवाल यह उठ रहे कि निवेशक चंद्र अग्रवाल का आम आदमी पार्टी या किसी भी राजनीतिक दल से कोई नजदीकी संबंध है तो कोई सबूत क्यों नही पेश किये जा रहे।

सूत्रो की बात करे तो अब तक हुई जांच में विभाग को ऐसे कोई सबूत ही नही मिले जिस से यह साबित हो सके कि चंदन अग्रवाल के आम आदमी पार्टी या अन्य किसी राजनीतिक पार्टी से कोई सम्बंध है हालांकि सच्चाई क्या है यह तो आईटी अधिकारियों की पुष्टि के बाद ही साफ हो सकेगा। लेकिन आईटी अधिकारियों की चुप्पी कही न कही इस और इशारा कर रही है कि चंद्र अग्रवाल के संबंध आम आदमी पार्टी से कोई लेना देना नही हैं। और न ही आईटी अधिकारियों के हाथ कुछ ऐसा लगा है जिस से चन्द्र अग्रवाल को गलत ठहराया जा सके।

ये भी चर्चा जोरोशोरो से हो रही है कि इस हाईप्रोफाइल रेड में आईटी अधिकारियों के हाथ खाली रहे है क्यों कि उन के हाथ कुछ लगा होता तो अभी तक खुलासा कर दिया जाता।

विभागीय सूत्रों के अनुसार रेड के बाद हुई प्रारंभिक जांच में हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव में कथित तौर पर आप नेता द्वारा की जाने वाली फंडिंग की खबरें भी आधारहीन पाई गई है।

वही यह भी बात सामने आ रही है कि चन्द्र अग्रवाल के पक्ष की तरफ से कहा जा रहा है कि अगर सूत्रों पर आधारित जानकारी प्राप्त करके निराधार व आधारहीन खबरें प्रकाशित करने वाले समाचार पत्रों टीवी चैंनलों और वेब पोर्टल पर कार्रवाई होना निश्चित है।

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