You are currently viewing SC/ST एक्ट में FIR के मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब के DGP को दिया बड़ा आदेश

SC/ST एक्ट में FIR के मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब के DGP को दिया बड़ा आदेश

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को आदेश दिए हैं कि पीड़ित पक्ष की शिकायत के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले तीसरे पक्ष की शिकायत पर एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज न की जाए। हाईकोर्ट ने कहा है कि कथित सोशल कार्यकर्ता द्वारा एससी/एसटी का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। हाइकोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को इस संबंध में सभी जिला पुलिस प्रमुखों को आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।

यह मामला जालंधर के एक पारिवारिक झगड़े से जुड़ा हुआ है। इसमें मां-बाप ने अपने बेटे को बेदखल कर दिया था। बेटे ने उसी साल अनुसूचित जाति की लड़की से विवाह किया था। विवाह के बाद पुत्र द्वारा बनाई गई एक ओडियो वायरल हुई थी और बताया गया था कि उसके मां-बाप ने उसकी पत्नी की जाति के बारे अपशब्ध टिप्पणी की हैं। इसके बाद तीन लोगों ने शिकायत पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिन्होंने समाज सेवक होने का दावा किया था।

याचिकाकर्ता दंपति ने हाईकोर्ट को बताया कि वे किसी भी तरह से पीड़ित की परिभाषा में नहीं आते हैं। एससी/एसटी एक्ट के अनुसार सिर्फ पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत दर्ज कर सकता है। पीड़ित की परिभाषा में उसके रिश्तेदार, कानूनी अभिभावक और कानूनी उत्तराधिकारी शामिल हो सकते हैं।

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने स्वीकार किया कि जिस महिला पर याचिकाकर्ता की बहू के बारे में टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था, उसने शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता एससी/एसटी एक्ट के प्रावधानों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

In the case of FIR in SC / ST Act, the High Court gave a big order to the DGP of Punjab