अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की धर्म प्रचार कमेटी, सिख इतिहास रिसर्च बोर्ड और शिक्षा कमेटी की महत्वपूर्ण बैठकें श्री गुरु रामदास यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस, अमृतसर में हुईं। इन बैठकों की अध्यक्षता एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने की। बैठकों में सिखी के प्रचार-प्रसार, सिख साहित्य के नए प्रकाशनों और शिक्षण संस्थानों से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में गुरुद्वारों में भेंट किए जाने वाले रुमाला साहिब और सिरोपा के उपयोग को लेकर अहम फैसले लिए गए। एडवोकेट धामी ने बताया कि सचखंड श्री हरमंदिर साहिब समेत अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारों में बड़ी संख्या में रुमाला साहिब भेंट किए जाते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता और संभाल को लेकर कई समस्याएं हैं। इस समस्या के समाधान के लिए गुरुद्वारों में विशेष काउंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां संगत रुमाला साहिब जमा करवा सकेंगे।
सिरोपा के उपयोग को लेकर भी एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। एडवोकेट धामी ने कहा कि सिरोपा का उपयोग केवल धार्मिक और पंथक शख्सियतों तक ही सीमित किया जाएगा।
गुरबानी के गुटका साहिब की ऑनलाइन बिक्री पर रोक
धर्म प्रचार समिति की बैठक में विभिन्न ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऐप्स पर पावन गुरबानी के गुटका साहिब की ऑनलाइन बिक्री पर सख्त नोटिस लेते हुए इस पर पूर्ण पाबंदी लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है क्योंकि इससे गुरबानी की मर्यादा और सम्मान को ठेस पहुंच रही है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि माता गुजर कौर जी की 400वीं जन्म शताब्दी इस वर्ष 22 नवंबर को गुरुद्वारा गंगसर साहिब करतारपुर जालंधर में पंथक जाहो-जलाल से मनाई जाएगी।
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