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राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन के संकल्प के साथ विद्या धाम में संपन्न हुई चार दिवसीय कार्यशाला

– केंद्रीय राज्यमंत्री सोमप्रकाश ने सर्वहितकारी शिक्षा समिति को विज्ञान व सद्साहित्य के प्रचार हेतु दो मोबाइल बसें देने की घोषणा

जालंधर (अमन बग्गा): ‘अपने देश में प्राचीनकाल से ही शिक्षा व्यवस्था राज्याश्रित न होकर समाज आधारित रही है। विद्या भारती का संपूर्ण कार्य प्रारम्भ से ही भी समाज आधारित रहा है। हमें समाज के सभी घटकों का सहयोग प्राप्त करना है। सहयोग मानवीय या आर्थिक संसाधन किसी भी रूप में हो सकता है।’ ये भावपूर्ण शब्द विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री एवं शिक्षा को पूर्ण रूप से समर्पित विजय नड्डा ने विद्या धाम में चल रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के क्रियान्वयन हेतु चार दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र पर कहे। मार्गदर्शन करते हुए नड्डा ने कहा कि शिक्षा मां के गर्भ से आरम्भ हो जाती है जो घर, समाज व विद्यालय में पूर्ण होती है। जीवन में प्रारम्भ से लेकर अंत तक हम प्रतिक्षण किसी न किसी से कुछ न कुछ सीखते ही रहते हैं। आगे उन्होंने कहा कि विद्यालय तो एक प्रयोगशाला है। इस शिक्षा का प्रयोग समाज जीवन में होता है। समाज में जाकर ही पता चलता है कि बालक ने कैसी शिक्षा प्राप्त की है। नड्डा ने आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 देश को विश्व गुरु बनाने में सक्षम है। आवश्यकता है इस नीति को सामज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर क्रियान्वित करने की। अपने उद्बोधन से पूर्व नड्डा ने विद्या भारती पंजाब की शिशु वाटिका विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के अनुसार तैयार की गई शिशु वाटिका की 10 अभ्यास पुस्तकों के संच का विमोचन किया।

प्रकाशन प्रमुख नरेन्द्र शर्मा जी ने इन पुस्तकों के संबंध में बताया कि ये अभ्यास पुस्तिकाएं नई शिक्षा नीति से प्राप्त निर्देश ‘बैग लेस एजुकेशन’ के अनुसार तैयार की गई हैं। इसकी एक प्रति कक्षा में और एक प्रति घर पर रहेगी। बालक को बैग लाने की जरूरत नहीं रहेगी। इससे बालक को बैग के भार से मुक्ति मिल जाएगी। आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित ‘स्वतन्त्रता संग्राम के बाल बलिदानी’ पुस्तक का भी विमोचन किया। इस पुस्तक का मूल्य 30/- मात्र रखा गया है जिसको सर्वहितकारी के प्रत्येक छात्र तक पहुँचाने की योजना है। इसी प्रकार सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए ‘पुराने वस्त्र दान अभियान’ का भी गणेश किया गया। इस अभियान के तहत घरों से पुराने कपड़े एकत्रित कर पंजाब के स्किल एजुकेशन विभाग द्वारा विभिन्न जीवनोपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जाएगा। यह अभियान 20 से 27 जनवरी तक लिया जाएगा। इससे प्राप्त धन का सदुपयोग स्लम एरिया के बच्चों की पर किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि विद्या भारती पंजाब द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 को सभी सर्वहितकारी विद्या मंदिरों के साथ अन्य स्कूलों में भी लागू करवाने के लिए चार दिवसीय ‘शिक्षक प्रशिक्षक कार्यशाला’ विद्या धाम में 30 दिसम्बर से चल रही है। इस कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रतिभागी पंजाब के कोने कोने में जाकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के क्रियान्वयन हेतु इसी प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे। इस कार्यशाला में पंजाब के 30 स्थानों से 70 चयनित शिक्षाविदों ने प्रतिभागिता की। इस कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में योग्य प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस शिक्षा नीति को लागू करने व करवाने हेतु गहन विचार विमर्श के बाद विस्तृत योजना बनी। आने वाली सम्भावित कठिनाइयों की चर्चा कर उनका समाधान भी खोजा गया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में जालंधर की प्रसिद्ध शिक्षाविद रेखा भारद्वाज ने कहा कि सब कुछ अपने अंदर ही विद्यमान है, आवश्यकता है उसे बाहर लाने की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्थिति में में हमें सकारात्मक सोच ही रखनी चाहिए। इसी कार्यशाला के तीसरे दिन दिनांक 1 जनवरी को केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री सोमप्रकाश जी का भी आगमन हुआ। उन्होंने सर्वहितकारी शिक्षा समिति के कार्यों की भूरि भूरि प्रसंशा करते हुए कहा कि शिक्षा समिति समजा में सद्साहित्य के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आगे केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि आज विज्ञान का युग है। इस दिशा में भी सर्वहितकारी शिक्षा समिति के प्रयास प्रसंशनीय हैं। इसी के साथ ही उन्होंने ग्रामीण एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में सद्साहित्य के प्रचार और विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए दो मोबाइल बैन देने की भी घोषणा की।

विद्या धाम जालंधर में इसी शिक्षक प्रशिक्षक कार्यशाला के तीसरे दिन सभी प्रतिभागियों द्वारा रात में आग जलाकर उत्साहपूर्वक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें पंजाबी बोलियां, भजन गायन, गीत आदि रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए और साथ में सभी ने मूंगफली, रेवड़ी व गजक का भी आनंद लिया । इसी अवसर पर नीलू व संगीता दीदियों और मंगल भैया को क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा उनके जन्म दिवस पर श्रीफल व शाल भेंट कर शुभकामनाएं दी गई ।

2 जनवरी को समापन सत्र में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि इस कार्यशाला में आकर बहुत कुछ सीखने को मिला। राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 को अनेक बार पढ़ा परन्तु इसे लागू करने व करवाने की विधि यहां आकर ही समझ में आ पाई। बैगोवाल सर्वहितकारी विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य श्री सहदेव शर्मा ने कहा कि यहां से जाकर विभाग स्तर पर इसी प्रकार की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। क्रिया आधारित शिक्षा का व्यवहारिक स्वरूप भी यहीं आकर समझ में आया, ऐसा सभी प्रतिभागियों का मानना था। इस कड़कड़ाती ठंड में भी सभी प्रतिभागियों के चेहरों पर प्राप्त ऊर्जा की चमक स्पष्ट दिखाई दे रही थी। इस कार्यशाला में मार्गदर्शन हेतु उड़ीसा से विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के सह संगठन मंत्री श्री गोविन्द महंत जी, विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के अधिकारी – संगठन मंत्री श्री विजय नड्डा जी, प्रचार प्रमुख श्री राजेन्द्र कुमार जी, प्रशिक्षण प्रमुख श्री हर्ष कुमार जी, महामंत्री श्री देशराज शर्मा जी और उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र अत्री जी, जालंधर से श्री कमलकांत ऐरी जी, श्रीमती रेखा भारद्वाज जी, श्रीमती मंजू अरोड़ा जी, चंडीगढ़ से पंजाब के कौशल विकास प्रमुख श्री सुभाष महाजन जी उपस्थित रहे। प्रतिभागियों में जालंधर से डा.अखिलेश्वर अरोड़ा, श्रीमती नीलम शर्मा, श्री प्रदीप कालिया, पठानकोट क्षेत्र से श्री विक्रम समयाल, श्री सहदेव शर्मा, फतेहगढ़ चूड़ियाँ से सरदार सुरेन्द्र सिंह, मक्खू से श्री बुधियाराम शर्मा जी, अबोहर से श्रीमती किरण तिन्ना जी, श्री मुक्तसर साहिब से श्री पूर्णचंद, रामपुराफूल से श्री सुनील कमार, बरनाला से डा. संजीव चन्देल, भीखी से श्री गगनदीप पराशर, सुनाम से श्री राजेश कुमार, खनौरी से श्री हरिनारायण पटेल, संगरूर से श्रीमती सुषमा वालिया, मालेरकोटला से श्री प्रेम सिंह खिमटा, चंडीगढ़ से अर्चना नागरथ, मोहाली से कविता अत्री मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सम्पूर्ण कार्यशाला के संयोजक नाभा से श्री सुभाष चंद जी रहे जबकि सम्पूर्ण मंच संचालन भीखी के श्री गगनदीप पराशर जी ने किया। आज दोपहर एक बजे पंजाब के कोने कोने से पधारे सभी शिक्षाविद राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के क्रियान्वयन के कठोर संकल्प के साथ अपने अपने स्थान के लिए वापिस गए।

Four-day workshop concluded in Vidya Dham with the resolve to implement National Education Policy