
चंडीगढ़: पंजाब में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिससे राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। अब तक 10 जिलों के 1018 गांव बाढ़ की सीधी चपेट में आ चुके हैं, और लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना, NDRF, SDRF और स्थानीय पुलिस प्रशासन ने युद्ध स्तर पर बचाव अभियान छेड़ रखा है।
बचाव दल अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान ही 4711 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सफलतापूर्वक निकाला गया है। इन रेस्क्यू ऑपरेशन में फिरोजपुर से 812, गुरदासपुर से 2571, मोगा से चार, बरनाला से 25 और फाजिल्का से 1239 लोगों को बचाया गया है।
चिंता की बात यह है कि मौसम विभाग ने बारिश की चेतावनी को सुबह 11:45 बजे तक के लिए बढ़ा दिया है। इस दौरान पंजाब के कई इलाकों में हल्की से लेकर भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।

सरकार ने पिछले बुधवार से चार दिनों के लिए स्कूलों में छुट्टियों का ऐलान किया था। सोमवार से स्कूल दोबारा खुलने की उम्मीद थी, लेकिन मौजूदा खराब स्थिति को देखते हुए सरकार छुट्टियों को आगे बढ़ाने पर विचार कर सकती है। इस पर अंतिम फैसला जल्द ही लिया जाएगा।
राज्य भर में बनाए गए 87 राहत शिविरों में से 77 पूरी तरह से काम कर रहे हैं, जिनमें 4729 लोगों ने शरण ली है। NDRF की 7 टीमें गुरदासपुर में, 2 पठानकोट में और एक-एक फाजिल्का और फिरोजपुर में तैनात हैं। वहीं, SDRF की दो टीमें कपूरथला में सक्रिय हैं। सेना, BSF और वायु सेना ने भी कपूरथला, गुरदासपुर, फिरोजपुर और पठानकोट में मोर्चा संभाल लिया है।
बाढ़ ने पंजाब की अर्थव्यवस्था, खासकर कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है। हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं और पशुधन को भी भारी क्षति पहुंची है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फाजिल्का में 16,632 हेक्टेयर, फिरोजपुर में 10,806, कपूरथला में 11,620, पठानकोट में 7,000, तरनतारन में 9928 और होशियारपुर में 5287 हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसलें तबाह हो चुकी हैं।
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Flood devastation in Punjab










