
फरीदकोट: फरीदकोट पुलिस ने 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के सनसनीखेज मामले में दविंदर बंबीहा ग्रुप के तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक, रामजोत सिंह उर्फ जोत (निवासी मोगा), ने हथियार बरामदगी के दौरान पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई के बाद हुई मुठभेड़ में पुलिस ने उसे घायल हालत में काबू कर लिया। यह जानकारी फरीदकोट की एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साझा की।
एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जुलाई महीने में कोटकपूरा में बंबीहा गैंग के गुर्गों द्वारा एक व्यक्ति से 1 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। फिरौती की रकम न मिलने पर, बदमाशों ने 1 सितंबर की रात को पीड़ित के घर के बाहर फायरिंग की थी। इस संबंध में थाना सिटी कोटकपूरा में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

जांच के लिए गठित की गई विशेष टीमों ने टेक्निकल और ह्यूमन इंटेलिजेंस के आधार पर कार्रवाई करते हुए 7 सितंबर को फायरिंग की घटना में शामिल संदीप सिंह उर्फ लवली और रामजोत सिंह उर्फ जोत को कोटकपूरा से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि इस वारदात को दविंदर बंबीहा गैंग से जुड़े गैंगस्टर सिमा बहिबल और जस्स बहिबल के इशारे पर अंजाम दिया गया था। हथियार मोगा के ही रहने वाले मलकीत सिंह ने मुहैया कराए थे, जिसे पुलिस ने 8 सितंबर को फरीदकोट जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी ने बताया कि रिमांड के दौरान जब आरोपी रामजोत से पूछताछ की गई, तो उसने फायरिंग में इस्तेमाल किया गया .32 बोर का पिस्तौल गांव ढिलवां के पास नहर किनारे छिपाकर रखने की बात कबूली। आज (12 सितंबर) जब पुलिस टीम आरोपी रामजोत को लेकर हथियार की बरामदगी के लिए मौके पर पहुंची, तो उसने छिपाए हुए पिस्तौल से पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया और भागने की कोशिश की। पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में की गई जवाबी फायरिंग में आरोपी रामजोत घायल हो गया, जिसे तुरंत काबू कर लिया गया। मौके से .32 बोर का पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, रामजोत सिंह का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है और उसके खिलाफ नशा तस्करी, आर्म्स एक्ट जैसे संगीन धाराओं के तहत पहले से ही 3 मामले दर्ज हैं। वह इस वारदात से करीब एक महीना पहले 30 जुलाई को ही फरीदकोट जेल से बाहर आया था।
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Firing on Punjab police proved costly




