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जालंधर के 3 बड़े रियल एस्टेट कारोबारी Gagan Kapoor, Ankush Marwaha और Avinash Chandra Kapoor निकले ‘धोखाबाज़’ ! जालंधर की City Square Building में कर डाला बड़ा कांड, पुलिस ने धारा 420 के तहत दर्ज की Fir

जालंधर ( Aman Bagga ) जालंधर पुलिस कमिश्नर श्री स्वप्न शर्मा ने एक बड़े रियल एस्टेट फ्रॉड का भंडाफोड़ किया है। जालंधर पुलिस ने City Square Building के संचालकों व बड़े रियल एस्टेट कारोबारीयों अविनाश चंद्र कपूर , गगन कपूर तथा अंकुश मरवाहा उर्फ आशु मरवाहा (IJM TOYOTA) के खिलाफ थाना नवी बारादरी में धारा 420 के तहत एफआईआर दर्ज की गई हैं।  मामले में शिकायतकर्ता अमित अरोड़ा पुत्र दीवान चंद ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी कि उन्होंने सीटी स्क्वायर बिल्डिंग में रियल एस्टेट कारोबारी गगन कपूर, अविनाश चंद्र  व अंकुश मारवाहा से चार दुकानें साल 2015 से 2017 के दौरान खरीदी थीं परंतु उन्हें बाद में पता चला कि इन दुकानों का कंप्लीशन सर्टिफिकेट ही इन बिल्डरों के पास नहीं था।

जब बिल्डिंग के संचालकों से कंप्लीशन सर्टिफिकेट मांगा गया तो पहले तो इमारत के मालिक टाल मटोल करते रहे, परंतु बाद में उन्होंने नगर निगम जालंधर द्वारा फॉरवर्डिंग लेटर को कंप्यूटर पर एडिट करके उस पर सिटी स्क्वेयर कंप्लीशन सर्टिफिकेट लिखकर शिकायतकर्ता दीवान अमित अरोड़ा को भेज दिया। जब इस सर्टिफिकेट की जांच की गई तो पता चला कि यह कागजात फर्जी हैं जिस के बाद अमित अरोड़ा ने इस मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की व उनके साथ किए गए फ्रॉड के तहत आरोपी बिल्डरों पर पुलिस केस दर्ज करने की मांग की।

मामले की जांच के दौरान एसीपी भरत मसीह ने 27 अप्रैल 2024 को अविनाश कपूर व गगन कपूर को पेश होने के लिए बुलाया था। गगन कपूर ने बतौर बिल्डिंग के संचालक होने के नाते एसीपी को 3 महीने का समय देने की मांग की थी, जिस दौरान उन्होंने कहा था कि वह इमारत का कंप्लीशन सर्टिफिकेट मुहैया करवा देंगे। परंतु मामले में 5 महीने बीत जाने पर भी जब शिकायतकर्ता को कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला तो उन्होंने इस मामले में दोबारा पुलिस कमिश्नर से संपर्क किया। इसके बाद मामले की जांच एडीसीपी हेडक्वार्टर सुखविंदर सिंह का सौंप दी गई।

एडीसीपी सुखविंदर सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि मामले की जांच के बाद पता चला है कि अमित अरोड़ा ने City Square बिल्डिंग में अविनाश चंद्र कपूर पुत्र वेद प्रकाश PPR डेवलपर्स एंड बिल्डर्स से दुकान नंबर 21 साल 2015 में ली थी तथा दुकान नंबर 23,24 व 25  अंकुश मरवाहा डायरेक्टर आईजीएम से अपनी पत्नी के नाम पर साल 2018 में ख़रीदीं थीं।

शिकायतकर्ता अमित अरोड़ा ने बताया कि वह अपनी दुकान किसी बड़ी कंपनी को किराए पर देना चाहते थे। जब उन्होंने इस बारे कंपनी से संपर्क किया तो कंपनी ने उनसे इन दुकानों का कंप्लीशन सर्टिफिकेट मांगा। परंतु जब उन्होंने इन दुकानों के बिल्डरों से इसका कंप्लीशन सर्टिफिकेट मांगा तो वे लगातार उनको लारे लगाते रहे।

आखिर कई महीने बीतने के बाद गगन कपूर ने अपने मोबाइल के व्हाट्सएप से उन्हें सीटी स्क्वायर बिल्डिंग का कंप्लीशन सर्टिफिकेट भेजा। परंतु जब इसकी नगर निगम जालंधर से RTI डाली गई तो पता चला कि यह कागजात नकली तैयार किया गया हैं। यह सर्टिफिकेट सीटी स्केयर बिल्डिंग का है ही नहीं।

इतना ही नहीं आरटीआई में यह भी खुलासा हुआ कि इस सीटी स्केयर बिल्डिंग का कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी ही नहीं हुआ। बड़ी हैरानी की बात यह भी है कि कई वर्ष पहले बनी सिटी स्क्वेयर बिल्डिंग की बार दुकाने बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट ही बिकती रही और कई बड़ी कंपनियों को किराए पर दी जा चुकी हैं और यह सारा खेल नगर निगम की नाक तले बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के ही चलता रहा।

इससे साफ है कि नगर निगम किस हद तक भ्रष्टाचार की दलदल में धंसा हुआ है और किस प्रकार से आधी अधूरी पास इमारतें और कालोनियां कटवाकर नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी अपनी जेबें भर रहे हैं व सरकार का खजाना भी इसी कारण खाली रहता है।

अब देखना यह होगा कि इस मामले में क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान के OSDs की टीम खुद एक्शन लेते हुए नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेती है या फिर कट्टर ईमानदारी का राग अलापने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार घुटने टेकती हैं?