चंडीगढ़: पंजाब के किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरने जा रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने 3 अक्टूबर को देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। पंजाब में भी कई जिलों में किसान तीन घंटे तक रेल सेवा बाधित करेंगे।
क्यों हो रहा है आंदोलन?
किसानों का कहना है कि लखीमपुर खीरी कांड में मुख्य आरोपी को अभी तक सजा नहीं मिली है। किसानों की 12 सूत्री मांगों में एमएसपी की गारंटी भी शामिल है। सरकार किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए दबाव बना रही है लेकिन पराली निपटान का कोई ठोस समाधान नहीं दे रही।
कहां-कहां होगा आंदोलन?
पंजाब के 18 जिलों में करीब 30 जगहों पर रेल रोकी जाएगी। इनमें गुरदासपुर, होशियारपुर, लुधियाना, जालंधर, फिरोजपुर, मोगा, कपूरथला, मलेरकोटला, फरीदकोट, बठिंडा और पठानकोट जैसे जिले शामिल हैं। इसके अलावा, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।
किसान नेताओं की मांगें
किसानों ने सरकार से फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग की है। किसानों ने कहा कि सरकार को पराली निपटान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। किसानों ने सहकारी समितियों के माध्यम से डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति करने की मांग की है। किसानों ने लखीमपुर खीरी कांड में दोषियों को सजा देने की मांग की है।
किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उनकी मांगों को मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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