
जालंधर: विनाशकारी बाढ़ से हुई तबाही के बाद अब जालंधर प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जिले के सभी एसडीएम (SDM) और अन्य विभागों के अधिकारियों को ताबड़तोड़ निर्देश जारी करते हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के लिए महज दो दिन (48 घंटे) का अल्टीमेटम दिया है। इस सख्त आदेश के बाद लापरवाह अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
शुक्रवार को जारी निर्देशों में डीसी अग्रवाल ने सभी एसडीएम को राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर तुरंत नुकसान का आकलन शुरू करने को कहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाढ़ के कारण आम लोगों के घरों, फसलों और पशुधन को कितना नुकसान हुआ है, इसकी पूरी जांच कर विस्तृत रिपोर्ट दो दिनों के भीतर हर हाल में पेश की जाए।

डीसी ने जिला राजस्व अधिकारी (DRO) को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में मुआवजे और राहत सामग्री के समय पर वितरण के लिए संबंधित एसडीएम और अन्य अधिकारियों के साथ तालमेल स्थापित करें। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा, “यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी योग्य और पीड़ित नागरिक सरकारी राहत से वंचित न रहे।”
इसके अलावा, डीसी ने नगर निगम, नगर कौंसिल और पंचायत अधिकारियों की मदद से भारी बारिश और बाढ़ के कारण टूटी सड़कों, क्षतिग्रस्त सरकारी इमारतों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की जांच करने और दो दिनों के भीतर इसकी भी एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद लोक निर्माण विभाग (PWD) और एनएचएआई (NHAI) को खराब हुई सड़कों और इमारतों की मरम्मत का काम तत्काल शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित हो सके।
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