लुधियाना: पंजाब में हुए एक दर्दनाक हादसे में एक परिवार के सात लोग जिंदा जल गए थे। अब एनजीटी ने इस मामले में लुधियाना नगर निगम पर 100 करोड़ का हर्जाना देने का निर्देश दिया है। वहीं मरने वालों के परिजनों को कुल 57.5 लाख देने का आदेश दिया है।
घटना 20 अप्रैल 2022 ताजपुर, लुधियाना की है। यहां 20 लाख टन कचरे के पहाड़ के पास सुरेश की पत्नी रोना रानी (50) अपने बच्चों 15 साल की राखी, 10 साल की मनीषा, चांदनी, गीता व सन्नी के साथ रहती थीं। किसी कारण कचरे में आग लग गई और सातों लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। 21 अप्रैल को मामले में एनजीटी ने सुनवाई की। इसके बाद लगातार इस केस में कई सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अब 25 जुलाई को एनजीटी ने नगर निगम लुधियाना को जिलाधिकारी, लुधियाना के पास 100 करोड़ रुपए मुआवाजा राशि जमा करवाने का आदेश दिया है। यह रकम निगम को एक माह के भीतर जमा करवानी है। अगर निगम यह रकम नहीं जमा नहीं करवा पाती है तो राज्य सरकार यह पैसा देगी। यह 100 करोड़ अंतरिम मुआवजा राशि होगी। जिसे डंपिंग साइट पर उपचारात्मक उपायों के लिए उपयोग किया जाएगा। एनजीटी ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि नगर निगम यह राशि कचरे में योगदान करने वालों या उन लोगों से जो कानून के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे से वसूलने के लिए स्वतंत्र है।