चंडीगढ़: पंजाब में परिवहन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 600 बसों के परमिट रद्द कर दिए हैं। इन परमिटों को गैर-कानूनी तरीके से जारी किया गया था। परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि यह घोटाला 2007 से 2017 के बीच अकाली दल और कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में हुआ था। इन परमिटों में कोई वैधता नहीं थी और इसमें कई बड़े ट्रांसपोर्ट कंपनियां शामिल थीं।
भुल्लर ने विशेष रूप से पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल की कंपनी के लगभग 30% परमिटों को रद्द करने की बात कही, जो कि गैर-कानूनी तरीके से जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले की गहन जांच के बाद यह कार्रवाई की है।
इस फैसले से छोटे ट्रांसपोर्टर्स को बड़ा फायदा होगा। अब वे भी अपनी बसें चला सकेंगे। मंत्री ने बताया कि रद्द किए गए परमिटों में अवैध क्लबिंग की गई थी, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। इस कार्रवाई से राज्य के अधिकांश ट्रांसपोर्टर्स खुश हैं।
अवैध तरीके से चल रहे परमिटों के कई मामले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित थे। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यह कार्रवाई की है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य बड़े बस ऑपरेटरों के एकाधिकार को तोड़ना और परिवहन क्षेत्र में अनियमितताओं को रोकना है। सरकार ने इस दिशा में टीमों का गठन किया है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
सरकार सरकारी बसों में भी सुधार के लिए कदम उठा रही है। तेल चोरी और अन्य अनियमितताओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
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