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मुखर्जी नगर सिख पिटाई मामला: जिस सिख के लिए हजारों सिख कर रहे है उग्र प्रदर्शन उसी सिख सरबजीत ने 3 अप्रैल 2019 को गुरुद्वारा बंगला साहिब में मारपीट कर सेवादार मंगल सिंह का तोड़ डाला था हाथ, दिल्ली के संसद मार्ग थाने में हुआ था मुक़दमा दर्ज

नई दिल्लीः दिल्ली के मुखर्जी नगर में सबरजीत व उसके बेटे की पिटाई के मामले में नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रही पुलिस को पता चला है कि सरबजीत का पहले भी आपराधिक बैकग्राउंड रहा है। उसका व्यवहार पहले से ही झगड़े और मारपीट करने का रहा है। सरबजीत के खिलाफ पहले भी मारपीट के केस दर्ज हैं।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, ग्रामीण सेवा चालक सरबजीत सिंह पर 3 अप्रैल को गुरुद्वारा बंगला साहिब के सेवादार ने मारपीट का मामला पार्लियामेंट थाने में दर्ज कराया था। इसके अलावा एक मामला तिमारपुर और दो अन्य मामलों में शिकायत दी गई थी। हालांकि इन तीनों मामलों में उन पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। एसडीएम के सामने पेश कर हिदायत देकर छोड़ दिया गया था। फिलहाल गत रविवार को हुए मुखर्जी नगर मारपीट मामले में क्राइम ब्रांच ने केस लेते हुए अपनी जांच शुरू कर दी है।

सेवादार ने कराई मारपीट की शिकायत दर्ज
पुलिस के मुताबिक 3 अप्रैल 2019 को गुरुद्वारा के सेवादार ने सबरजीत के खिलाफ एक मामला पार्लियामेंट थाने में दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता मंगल सिंह ने पुलिस को बताया कि वह गुरुद्वारा बंगला साहिब में बतौर सेवादार काम करते है और वहीं पर रहते हैं। 3 अप्रैल को उनकी डयूटी शालू सिंह के साथ थी। डयूटी करते समय सुबह 6.25 बजे गुरुद्वारा में बने सरोवर के पास पहुंचे तो एक आदमी सोया हुआ था व उसके पास उसका बेटा बैठा हुआ था। वह 3/4 दिनों से अपने बेटे के साथ गुरुद्वारे में रह रहा था। पूछने पर अपने बारे में नहीं बताया। शालू सिंह ने पूछताछ करने पर वह झगड़ने लगा। इसके बाद उन्होंने गुरुद्वारे के मैनेजर राजेंद्र सिंह को बताया, जिसने दोनों को ऑफिस में लाने को कहा। जब शालू सिंह उनको मेनेजर के पास ले जाने लगे तो उसका बेटा भागने लगा, जिसको भागकर पकड़ा। तभी वह व्यक्ति पीछे से आया और मुझे पकड़कर नीचे गिरा दिया और मेरा हाथ तोड़ दिया। इसके बाद जान से मारने की धमकी देकर मारपीट की।

पिछले 15 साल के ऑटो चला रहा है सरबजीत, पत्नी का हो चुका है देहांत
सबरजीत सिंह मुखर्जी नगर इलाके के गांधी विहार में ई-290 में परिवार के साथ रहते है। परिवार में एक नाबालिग बेटा है। पत्नी का कई साल पहले देहांत हो चुका है। सबरजीत सिंह के ग्रामीण सेवा के साथियों ने बताया कि वह घर पर बहुत ही कम जाते हैं। दोनों पिता व बेटा गांधी विहार स्टैंड पर ही अपनी ग्रामीण सेवा में सो जाते हैं। सबरजीत के पिता ने बताया कि वह करीब 15 साल से चालक का काम कर रहे हैं। हालांकि बीच में कुछ समय के लिए छोड़ दिया था, लेकिन फिर से चालक का काम शुरू कर दिया है।