नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पहली बार अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई जिसमें कारोबारियों को राहत प्रदान की गई है। इस बैठक में कारोबारियों के साथ-साथ आम जनता को बड़ी राहत दी गई है। अब कोई भी नया कारोबारी आधार के जरिए अपना जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कर सकेगा। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि दो महीने बढ़ाते हुये जीएसटी के लिए पंजीयन को भी सरल बना दिया है जिससे अब सिर्फ आधार नंबर की ही जरूरत पड़ेगी।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि कारोबारी ऑनलाइन आधार नंबर के जरिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए उनके पास ओटीपी आएगा और बाद में जीएसटीएन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन होने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा। इसके साथ ही पहले ही सरकार जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर चुकी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के लिए वार्षिक रिटर्न भरने की अवधि 30 जून है जिसे बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 कर दिया गया है। मई महीने के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि आज समाप्त हो रही है लेकिन ईवे बिल प्रणाली में कुछ खामियां आने के कारण इसकी अवधि भी दो महीने बढ़ा दी गयी है।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुये कहा कि मुनाफाखोरी रोधी राष्ट्रीय संगठन का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसका कार्यकाल इसी वर्ष समाप्त हाे रहा था। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों पर लगने वाले जुर्माना को भी कठोर बनाया गया है। अभी मुनाफाखोरी की राशि और 25 हजार रुपये का जुर्माना होता है लेकिन अब 30 दिनों के भीतर इस राशि को जमा नहीं कराने पर मुनाफाखोरी वाली राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा अतिरिक्त जमा कराना होगा।