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हिरासत में मौत के 30 साल पुराने मामले में पूर्व IPS अधिकारी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

जामनगरः गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को जामनगर की एक सत्र अदालत ने गुरुवार को 1990 के हिरासत में मौत के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने संजीव भट्ट को दोषी करार दिया गया है। इसके अलावा एक अन्य आरोपी तथा तत्कालीन कांस्टेबल प्रवीण झाला को भी उम्रकैद की सजा दी गई।

बता दें कि भट्ट गुजरात के जामनगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ थे, जब एक व्यक्ति की हिरासत में मौत हुई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार भट्ट ने वहां एक सांप्रदायिक दंगे के दौरान सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया था और इनमें से एक व्यक्ति को रिहा किए जाने के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। उनकी हिरासत के दौरान पिटाई की गई थी। मृतक के भाई अमृत वैष्णानी ने इस मामले में भट्ट समेत आठ पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाते हुए मामला दर्ज कराया था, लेकिन गुजरात सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी, लेकिन 2011 में राज्य सरकार ने भट्ट के खिलाफ ट्रायल की अनुमति दे दी।

वहीं संजीव भट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुये मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने हिरासत में मौत के मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूछताछ के लिये अतिरिक्त गवाहों को बुलाने का संजीव भट की मांग को अस्वीकार कर दिया था।