जालंधर (अमन बग्गा): दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से बस्ती मिट्ठू के सेंट सोल्जर कालेज के ऑडिटोरियम में भजन संध्या करवाई गई। इस दौरान साध्वी उर्मिला भारती ने कहा कि वैदिक काल में दीक्षांत समारोह के समय युवाओं को अपने माता पिता के आदर के संदर्भ में शिक्षा दी जाती थी।
उन्होंने कहा कि जो अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करता है, उनकी आज्ञाओं का पालन करता है ऐसे व्यक्ति को निश्चित ही स्वर्ग मिलता है। साध्वी उर्मिला भारती ने कहा, भोजन तो हम जानवरों को भी खिलाते हैं, उन्हें पालते हैं और उनकी देख-रेख करते हैं। इसलिए वृद्ध माता पिता को भोजन देना, उन्हें आश्रय देना ही पर्याप्त नहीं है।
इंसानियत तो तब प्रमाणित होती है, जब यही कार्य उन्हें पूरी इज्ज़त और मान सम्मान देते हुए किया जाए। इसलिए जब तक प्रेम, सद्भावना, आत्मीयता जैसे गुण भीतर उजागर नहीं हो जाते तब तक समस्या का हल नहीं हो सकता। साध्वी उर्मिला भारती ने कहा कि धर्म का असली अर्थ है- धारण करना, उस ईश्वर को उस आत्मतत्व को जो संपूर्ण गुणों का स्त्रोत है। इस अवसर पर साध्वी उपमा भारती, रजनी भारती आदि ने मधुर भजन गाए।